ब्लॉगिंग करने पर ब्लॉगरों पर टैक्स लगेगा ? अब सर पर बैठेगी कार

ब्लॉगिंग करना जुर्म तो नहीं होने वाला परन्तु तेजी से इसकी लोकप्रियता के मद्देनजर इसे टैक्स के दायरे में लाने का सरकार ने मन बना लिया है। पर कर का यह कहर सिर्फ हिन्दी ब्लॉगिंग पर ही क्यों, जबकि हिन्दी ब्लॉगिंग तो अभी अपने बचपन में ही है और इससे आय होना भी आरंभ नहीं हुई है।

पता चला है कि सरकार, जिसके जितने ब्लॉग उससे उसी के अनुसार कर लिया जाएगा, की पद्धति के तहत कर वसूलने की तैयारी कर रही है। सरकार को लगता है कि देश को आर्थिक मंदी की मार से बाहर निकालने के लिए यह एक कारगर कदम हो सकता है। इसे लागू करने के लिए सरकार चुनाव के समय दी जाने वाली रियायतों से भी दूर रखेगी क्योंकि ऐसे मामले आचार संहिता के दायरे में बहुत जल्दी आते हैं। यह तो वैसे भी देशहित से जुड़ा हुआ मसला है।

सरकार हिन्दी प्रेमी ब्लॉगरों से ईमानदारी की उम्मीद करती है। उसका मानना है कि जो हिन्दी से सच्चे। मन से प्रेम करता है। हिन्‍दी के लिए तन और धन न्‍यौछावर करने वाला हिन्‍दी सेवी है। वो अपने हिन्दी प्रेम की मिसाल ब्लॉगिंग पर कर चुका कर दे सकता है। ब्लॉगर्स को असुविधा न हो इसके लिए सरकार एक ऑनलाईन खाता शुरू कर रही है।

यह कानून वित्तीय वर्ष 2009-2010 में प्रभावी हो जाएगा। इसके तहत ब्लॉग की लोकप्रियता और प्राप्त टिप्पणियों के अनुसार कर देय होगा। मतलब साफ है कि जिसके जितने अधिक ब्लॉग और जितनी अधिक लोकप्रियता होगी तथा जिस पोस्ट अथवा ब्लॉग पर अधिकाधिक टिप्पणियां पाई जाएंगी, उन्हें उसी हिसाब से अधिक राशि का भुगतान करना होगा।

जिस ब्लाग के जितने अधिक फालोअर्स होंगे, उससे उसी हिसाब से अधिक टैक्स वसूल किया जाएगा क्योंकि यही उनकी लोकप्रियता का पैमाना होता है। वो बात दीगर है कि जो जितने अधिक ब्लागों का फालाओर होगा उसे टैक्स देयता में छूट मिलेगी। परन्तु अधिक टिप्पणी करने वाले ब्लॉ्गरों को इस छूट का लाभ नहीं मिल सकेगा।

ब्लॉगवाणी/चिट्ठाजगत इत्यादि एग्रीगरेटर्स पर पसंद पर क्लिक करने वाले ब्लॉगर्स को प्रति क्लिक के हिसाब से सरकार द्वारा भुगतान भी किया जाएगा। इस नीति का जिन ब्लॉगरों ने स्वालगत किया है वे सभी अंग्रेजी के हैं। परन्तु फंडा यह है कि जिस ब्लॉग की अधिक पसंद क्लिक होंगी उनसे सरकार को टैक्स भी तो अधिक मिलेगा। अब तक अपनी पोस्ट‍ पर ब्लॉगरों द्वारा पसंद चटकाने और टिप्पणी की मांग में मंदी आने की संभावना है। बल्कि टैक्स से बचने के लिए ब्लॉंगर्स एग्रीगरेटर्स की सुविधाएं न लेने पर भी विचार करने लगें और टिप्पणी की सुविधा ही रोक दें तो क्या आश्चर्य ? और अपनी पोस्ट की सूचना ई मेल के जरिए ही देने लगें और टिप्पणियां भी ई मेल पर ही मंगवाएं। जिससे टैक्स से बचाव हो सके।

जो ब्लॉग सिर्फ कविता को समर्पित होंगे अथवा जो ब्लॉंगर अपनी टिप्पणियां कविता में देते हैं उन्हें इस टैक्स से‍ निजात मिल सकेगी। इससे इंटरनेट पर हिन्दी कविता का भविष्य स्वर्णिम होने की आशा जगी है। आपकी इस संबंध में क्या राय है और आप इस करदेयता के पक्ष में हैं तो क्यों और अगर नहीं हैं तो भी क्यों ? अपनी राय जाहिर करें।

विदेश में रहकर हिंदी ब्लॉगिंग में जुटे ब्लॉगर प्रसन्न न हों। वे भी भारतीय हिंदी ब्लॉगरों की भांति सन्न हों।
प्रिंट मीडिया के धुरंधरों ने सरकार के इस कदम का सहर्ष स्वागत किया है और प्रिंट मीडिया के दोबारा से फलने फूलने की आशा व्यक्त की है। यही स्थिति चैनलों की भी है। चैनलों की घटती साख और टी आर पी में भी सरकार के इस असरकारी कदम से तेजी आने की उम्मीद की जा रही है।

मेरा भी यह निवेदन है कि जब तक पसंद का कीड़ा टैक्स से बाहर है, आप उसे अपने माउस से हिट कर सकते हैं और कीबोर्ड का प्रयोग करके टिप्पणियों की गति बढ़ा सकते हैं। कल के बारे में कौन जाने ?

21 टिप्‍पणियां:

  1. इतनी बेहतरीन पोस्ट कल लगाई जाती तो ज्यादा अच्छा होता।

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  2. एक दिन पहले लग गयी यह पोस्‍ट ...

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  3. जियो मेरे भाई
    अगर सरकार है कसाई
    तो हम कहाँ हैं कम
    कविता मे देंगे टैक्स
    फिर काहे का गम

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  4. सुशील जी ने पहले ही मेरे मन की बात कह दी.

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  5. मेरे विचार से जो ब्लागर अपनी टिप्पणी कविता में देते हैं,उन पर टैक्स का भार थोडा ज्यादा पडना चाहिए. क्य़ूं कि हम लोग तो सिर्फ एक लाईन की टिप्पणी में ही काम चला लेते हैं,जब कि उन्हे तो टिप्पणी के लिए ब्लाग का आधा पृ्ष्ठ भी कम पडता हैं..)

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  6. क्या बात मियाँ?...एक दिन पहले ही फॉयर कर दिया

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  7. महिलाओं को डरने की ज़रुरत नहीं ....वे इस दायरे में नहीं आएंगीं

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  8. हम तो साफ़ बच गए क्योकी मेरे ब्लॉग पर आप गजल के आलावा कोई वस्तू नहीं पायेगे
    मगर मैं सोंच रहा था सर्ल्कार ताऊ से टैक्स कैसे वसूलेगी ???
    venus kesari

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  9. आपको ये सूचनायें कहां से मिली?...खैर कविता-ब्लॉगरों को तो राहत है! कम से कम सरकार भी जान रही है कि कविता नक्काड़ा चीज़ है।इस पर मत टैक्स लगाओ। कोई नहीं देगा।

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  10. एक अप्रैल की शुभकामनाओं के साथ

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  11. बधाई हो - सबसे अधिक टेक्स तो आपको ही देना पडेगा

    मुर्ख दिवस की बधाई हो

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  12. main blogging ki duniya me bilkul naya hu. Aate hi ole padh gaye, Koi baat nahi, Hum Ek vakil sahab ko jaante hain jo har kanoon me se chhed nikal lete hain.

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  13. हम तो मेनली कविता के नाम पर आया था मगर फुरसतिया जी गद्य में फंसवा दिये हैं, कृप्या हमारा टैक्स उनसे वसूला जाये.

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  14. सरजी, आप जितनी पोस्ट लिखते हैं, कमजोर दिल का ब्लॉगर पढ़कर टें बोल जाए।.. शुक्र है कि कमजोर दिल का ब्लॉगर इक्का-दुक्का ही है

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  15. दिल तो हमारा भी कमजोर है बस कीबोर्ड मजबूत है जब कभी एरर आता है तो वो मजबूत कीबोर्ड भी टें टें की आवाज तो करता है

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  16. फूल चलता नहीं

    खिलता है बंधु

    तस्‍लीम भाई।


    पर यह फूल
    तो फूल रहा है

    अप्रैल फूल है

    तो अप्रैल भर

    तो भरेगा ही

    पहले कैसे झरेगा

    इसलिए खिल रहा है

    इसे खिलने भी दो

    और खेलने भी

    इस फूल के खिलने

    और खेलने से

    तनाव कम होता है

    जब पत्‍ता हिल सकता है

    तो फूल फैल सकता है

    फूल का फैलना हितकारी

    फल का खाना हितकारी

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  17. ब्लोगिंग टैक्स भरने के लिए पैन कार्ड के लिए अप्लाई कर दिया है.
    वैसे भी अपने को टैक्स नाम मात्र को ही देना पडेगा.
    क्योंकि ब्लॉग पर कोइ आता ही नहीं

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  18. 1. सुशील कुमार छौक्‍कर जी पूरे महीने चलेगी यह पोस्‍ट आश्‍वस्‍त रहें।
    2. संगीता पुरी जी यह बाद में भी जेबों में खटकती खनकती रहेगी।

    3. पंडित डी;के;शर्मा 'वत्‍स' जी आपका नाम कर सलाहकार कमेटी में शामिल हो गया है।
    सरकार नोटिफिकेशन जारी कर रही है।
    4. राजीव तनेजा जी यह टेस्‍ट फायर था, स्‍वाद जानने के लिए।

    5. शेफाली जी वैसे भी महिलाएं डरती कहां हैं, उनसे डरने के लिए ... ।

    6. वीनस केसरी जी जो सिर्फ गजल लिखेंगे उन्‍हें सरकार ताउ से टैक्‍स वसूलने का कार्यभार सौंपने जा रही है।

    7. कप्‍तान जी, कर देने में भी बिना पढ़े स्‍टैण्‍डर्ड चलताउ कमेंट।
    8. फुरसतिया जी ने पहले ही फोन करके कह दिया है कि सारे टैक्‍स तश्‍तरी में ही वसूले जाएंगे, हमने सुना कि तश्‍तरी से ही वसूल जाएंगे।

    9. हरि शर्मा जी जब ठान ली है तो कठिनता से क्‍या डरना ? डगर भी गुर्राने लगी है तो गुर्राये ... ब्‍लॉगिंग कैसे छोड़ोगे ।

    10 . विनीत कुमार और साइंड ब्‍लॉगर्स एसोसिएशन को तो पूरी एक एक टिप्‍पणी समर्पित कर चुका हूं।

    11. सत्‍यार्थी जी, इसके बाद टिप्‍पणी देने वाले खूब आएंगे क्‍योंकि टिप्‍पणी करने वालों को टैक्‍स मिला करेगा और आपने नाम मात्र ही सही, टैक्‍स भरने के लिए हामी तो करी है।

    12. रूपाली मिश्रा जी की शुभकामनाएं स्‍वीकार ली हैं और सरकार को भिजवा दी गई हैं।

    13. सुशील कुमार जी आपने ही यह खबर दी थी। आपने कविता को कुछ टैक्‍स बचाने के चक्‍कर में नक्‍कारा कह दिया है और आप ही सबसे अधिक इस नक्‍कारखाने में व्‍यस्‍त रहते हैं। आप यह भी नहीं कह सकते कि कोई नहीं देगा क्‍योंकि सत्‍यार्थी जी ने हामी भर दी है और वे महाकवि हैं, ब्‍लॉगर बाबा के रूप में विख्‍यात हैं और कविता को नक्‍कारा नहीं मानते हैं।

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