परिकल्पना की वार्षिक महासभा में याद किए गए अविनाश वाचस्पति

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  • रवीन्द्र प्रभात
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  • लखनऊ (25 अगस्त) :  हिन्दी भाषा की विविधता, सौन्दर्य, डिजिटल और अंतराष्ट्रीय स्वरुप को विगत 14 वर्षों से वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठापित करती आ रही लखनऊ की संस्था परिकल्पना के 13वीं वार्षिक महासभा में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे लखनऊ परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने अपने उद्वोधन में कहा कि ‘‘परिकल्पना एक ऐसी संस्था है, जो गैर हिन्दी प्रदेशों के साथ-साथ विदेशों में हिन्दी के प्रचार प्रसार में प्रतिबद्ध है। यह संस्था हिन्दी को वैश्विकता प्रदान करने में पिछले कई वर्षों से लगातार सक्रिय है। सामाजिक संस्थाओं की उपयोगिता और आवश्यकता हर जमाने में रही है, लेकिन कुछ ही संस्थाएं अपने लक्ष्य, अपने मिशन में कामयाब हो पाती है। मुझे खुशी है कि हमारे शहर की यह संस्था वैश्विक पहचान बनाने में कामयाब रही है। मुझे यह कहते हुये गर्व का अनुभव हो रहा है कि यह संस्था हिन्दी भाषा को अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप देने की दिशा में बड़ा काम कर रही है। यह संस्था हिन्दी भाषा को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा हेतु विगत कई वर्षों से संघर्षरत है। यह संस्था पूरी दुनिया में हिन्दी को नयी ऊंचाई देने में सफल रही है।‘‘ 
    विशिष्ट अतिथि महाराष्ट्र विश्व विद्यालय जलगांव के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुलकर्णी ने कहा कि ‘‘मैं हिन्दी के प्रचार, राष्ट्रभाषा के प्रचार को राष्ट्रीयता का मुख्य अंग मानता हूँ। मैंने भारत की बहुत सारी संस्थाओं को करीब से देखा है जो हिन्दी के प्रचार-प्रसार में प्रतिबद्ध है, लेकिन हमारी परिकल्पना सही मायानों में हिन्दी के उत्थान कि दिशा में अनुकरणीय भूमिका निभा रही है।‘‘ 
    इस एक दिवसीय संगोष्ठी में आगत अतिथियों का स्वागत कराते हुये अवधि के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राम बहादुर मिश्र ने कहा कि ‘‘जहां हिन्दी है, वहीं परिकल्पना है और जहां परिकल्पना है वहीं हिन्दी है। परिकल्पना संस्था नहीं एक वैश्विक परिवार है जो वसुधईव कुटुंबकम कि भावना को चरितार्थ करती है।‘‘ 
    अपने उद्वोधन में अभिदेशक पत्रिका के संपादक डॉ ओंकार नाथ द्विवेदी ने कहा कि ‘‘परिकल्पना ने हिन्दी को पूरी दुनिया में जिस प्रकार से फैलाने का कार्य किया है वह अविस्मरणीय है। यह परिवार हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने कि दिशा में पूरी दृढ़ता के साथ सक्रिय है। यह बहुत बड़ा काम है जिसे अपने सार्थक कदमों से साधने का काम कर रहा है यह परिवार।‘‘ 
    परिकल्पना समय के प्रधान संपादक डॉ रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि ‘‘परिकल्पना संस्था अबतक विश्व के 11 देशों में क्रमशः ‘‘ब्लोगोत्सव‘‘ और ‘‘अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी उत्सव‘‘ का आयोजन कर चुकी है। पिछला अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी उत्सव 26 मई 2019 को भारतीय महावाणिज्य दूतावास वियतनाम, वियतनाम स्थित भारतीय बीजनेस चेम्बर ऑफ कोमर्स के सहयोग से वियतनाम की आर्थिक राजधानी हो ची मिनह में मनाया गया था। भारतीय भाषाओँ के विकास और उनके वैश्विक प्रारूप को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है परिकल्पना। 
    सभाध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मिथिलेश दीक्षित ने कहा कि ‘‘परिकल्पना जिन पवित्र उद्देश्यों को लेकर काम कर रही है वह बहुत बड़ा काम है। परिकल्पना की सदस्य होने के नाते यदि मैं कहूँ कि परिकल्पना मुझमें बसती है और मैं परिकल्पना में तो शायद कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।‘‘ 
    भारतीय भाषाओँ के विकास और उनके वैश्विक प्रारूप को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध संस्था परिकल्पना की अध्यक्ष माला चैबे ने कहा, ‘‘यह संस्था हिन्दी भाषा और साहित्य की तकनीकी प्रगति को समर्पित है। यह संस्था एक वैश्विक परिवार है जिससे जुड़कर आप अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं और राष्ट्र निर्माण में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। यह वह मंच है जहां तुलसी के पत्ते की तरह सबको समान अवसर और सबको समान सम्मान प्रदान करती है।‘‘
    इस इस अवसर पर परिकल्पना परिवार के संस्थापकों मे से एक स्वर्गीय अविनाश वाचस्पति की स्मृति मे श्रीमती कुसुम वर्मा को परिकल्पना के द्वारा 11 हजार रुपये नकद के साथ अविनाश वाचस्पति सम्मान प्रदान किया गया। साथ ही परिकल्पना की नयी कार्यकारिणी का गठन हुआ और नए उत्तरदायित्व ग्रहण करने वाले सदस्यों को पद और गोपनियता की शपथ दिलाई गयी। 
    इस अवसर पर लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता और लोकसंघर्ष पत्रिका के सलाहाकार मोहम्मद शुएब ने कहा कि "परिकल्पना से मैं भावनात्मक रूप से जुड़ा हूँ, आज मैं परिवार के बीच हूँ यह मेरे लिए गौरव की बात है। "
    इसके पश्चात परिकल्पना के जानकीपुरम, लखनऊ स्थित नए परिसर का लोकार्पण भी सुनिश्चित हुआ।
    संस्था के नव नियुक्त पदाधिकारियों में प्रमुख रहीं गाजियावाद से पधारीं डॉ मीनाक्षी सक्सेना कहकशां जिन्हें महिला प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रदान की गयी। इसके अलावा लखनऊ की डॉ मिथिलेश दीक्षित को मानद अध्यक्ष, प्रमुख समाजसेवी सत्या सिंह को उपाध्यक्ष (सामाजिक गतिविधियां), आगरा की डॉ सुषमा सिंह को उपाध्यक्ष (वैश्विक प्रसार), बाराबंकी के एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन को उपाध्यक्ष (मीडिया सह विधिक प्रभारी), वाराणसी के श्री शचिंद्रनाथ मिश्र को उपाध्यक्ष (युवा प्रकोष्ठ), लखनऊ की श्रीमती शीला पाण्डेय को सचिव (कार्यक्रम संयोजन), लखनऊ के श्री राजीव प्रकाश को सचिव (सेंट्रल उत्तर प्रदेश प्रभारी), मधेपुरा बिहार के डॉ अमोल रॉय को सचिव (बिहार प्रभारी), नयी दिल्ली के श्री गगन शर्मा को सचिव (दिल्ली प्रभारी), गाजियाबाद के डॉ अरुण कुमार शास्त्री को सचिव (पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी), लखनऊ की श्रीमती नीता जोशी को सचिव (महिला प्रकोष्ठ), लखनऊ कि श्रीमती कनक लता गुप्ता को सचिव (सामाजिक गतिविधियां), लखनऊ कि श्रीमती कुसुम वर्मा को सचिव (सांस्कृतिक गतिविधियां), लखनऊ के डॉ उदय प्रताप सिंह को सचिव (मीडिया प्रभारी), लखनऊ की श्रीमती आकांक्षा यादव को सह सचिव (महिला प्रकोष्ठ) और लखनऊ की श्रीमती आभा प्रकाश को सह सचिव (सांस्कृतिक गतिविधियां) का दायित्व प्रदान किया गया।
    इसके अलावा श्री नकुल दुबे, डॉ सुनील कुलकर्णी, डॉ राम बहादुर मिश्र, डॉ चम्पा श्रीवास्तवतथा डॉ प्रभा गुप्ता को संस्था का संरक्षक और श्री शिव सागर शर्मा, डॉ ओंकारनाथ द्विवेदी,डॉ ओम प्रकाश शुक्ल अमिय,श्री कृष्ण कुमार यादव, डॉ अनीता श्रीवास्तव और डॉ बालकृष्ण  पाण्डेय को मार्गदर्शक मण्डल में शामिल किया गया।
    तत्पश्चात आगरा से पधारे कवि शिवसागर ने अपने सुमधुर आवाज़ मे कविता प्रस्तुत कर उपस्थित श्रोताओं के बीच खूब बहबही बटोरी।    मंच संचालन लोक गायिका कुसुम वर्मा ने किया।
    (मीडिया रिपोर्ट: डॉ उदय प्रताप सिंह)

    10 टिप्‍पणियां:

    1. अविनाश वाचस्पति जी के लिये श्रद्धासुमन।

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    2. अविनाश जी को याद करने के लिए साधुवाद...

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    3. श्री रविन्द्र जी आज अनुभव किया....
      स्व. अविनाश है ... यहीं कहीं है....हाँ है ।
      आपकी कृृृृपा से....

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    4. 🙏🏻🙏🏻 पवन जी, मै व्यक्तिगत तौर पर अविनाश जी से भावनात्मक रूप से जुड़ा रहा हूं। 🙏🏻🙏🏻

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    5. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (28-08-2019) को "गीत बन जाऊँगा" (चर्चा अंक- 3441) पर भी होगी।
      --
      सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
      --
      हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
      सादर...!
      डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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