भगवान ने कितना बुद्धिमान जीव बनाया,
मानव,इंसान,आदमी जैसे सुंदर नाम से सजाया,
परंतु ईश्वर की सभी आशाएँ ,
इस युग मे रेत की दीवार की तरह ढह गयी,
और उनका दिया हुआ नाम,
सिर्फ़ एक अलंकार बन कर रह गयी,
देखिए अब कल ही जो कुछ हुआ,
सभी देशवासियों के हृदय को छुआ,
जातीय नस्लवाद के नाम पर,
जीसस,नानक और मुहम्मद साहब के पैगाम पर,
कुछ विशेष समुदाय ने फिर से उंगली उठाई,
और विश्व एकता,अखंडता,की भावनाओं को ठेस पहुँचाई,
लोग इंसान मे भी फ़र्क करने लगे,
हमारे खून,माँस,हड्डियों की,संरचना मे भी तर्क करने लगे,
अरे सब कुछ तो सामने दिखता है,एक जैसा
फिर ये नस्लवाद,जातियवाद और रंगभेद कैसा,
आग्रह है आस्ट्रेलियावासियों से सुधर जाओ,
ऐसे अनुचित टिप्पणी ना करो,
अपने पूर्वजों के उपदेशों की अवहेलना करने से तो डरो,
खाई मत बनाओ, रूप,परिधान और व्यक्तित्व का,
कुछ तो सोचो अपने देश के आस्तित्व का,
भारत के सामने आपकी औकात कुछ नही है,
ऐसे हालत मे चुप रहना ही सही है,
हम अपने संस्कारों की इज़्ज़त कर रहे है,
इसे हमारी खामोशी मत समझना,
हम अपनी पे उतार जाएँ,
ऐसी बात मत ही कहो,
प्रेम, सौहार्द के साथ रहो,
देश,जात धर्म चलो ठीक है, बाँट लिए,
पर इंसानियत तो सर्व धर्म है,
इसे क्यों शर्मिंदा कर रहे हो,
जानवर थे हम, इन इस पुरानी तथ्य को,
क्यों जिंदा कर रहे हो.
हम तो नही करते है,नस्लवाद, फिर दूसरे क्यों??
जवाब देंहटाएंरंग है कि मानता नहीं।
जवाब देंहटाएंये गोरे लोग बस चेहरे से ही है ..दिल से तो सबसे काले है...!अभी भी पुरानी बातों को ले के बैठे है...आज भारतीय हर मामले में इन से आगे है...सो फिर उसी रंग भेद नीती पर आ गए...
जवाब देंहटाएंये ऊत करते हैं करतूत
जवाब देंहटाएंachha likha apne........
जवाब देंहटाएंपर मुझे तो मुम्बई और चेन्नई की घटनाएं याद आ रही हैं।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
ye sab hamse hi to sikhe hai.
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