इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पहले से चले आ रहे पत्रकारिता के एक पाठ्यक्रम के समानान्तर एक और पाठ्यक्रम को मान्यता दिए जाने का विरोध हो रहा है। कहा जा रहा है कि ये दो विभागों का टकराव है। कुछ लोग मान्यता देने को सही ठहरा रहे हैं तो कुछ लोगों के गले नहीं उतर रहा कि ये कैसे हो सकता है? तकनीकि पहलुओं पर विचार छोड़ दें तो शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ यहां जो आंदोलन चल रहा है उसका समर्थन करना उचित है। शिक्षण संस्थानों को मंडी बनने से रोकना होगा।
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शिक्षा की ‘मंडी’ के खिलाफ महाभारत जरूरी
Posted on by पुष्कर पुष्प in
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शिक्षा की ‘मंडी’ के खिलाफ महाभारत जरूरी
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इस अभियान में हम आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंनवरात्रों की शुभकामनाएँ!
ईद मुबारक!!
nice
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