‘प्रथम’ के ब्लॉग-स्वामी अंकित का मोबाईल- जादू
मैं पिछले तीन साल से परेशान था कि अपने मोबाईल नोकिया 7610 के मेल-बॉक्स सेटिंग को कैसे सक्रिय करूँ । जब कोई उपाय न सूझा और न किसी का परामर्श ही काम आया तो हारकर मैंने gmail का सॉफ्टवेयर अपने मोबाईल में लोड कर लिया। पर यह क्या, वह तो सिर्फ़ text में ही मेल भेजता या प्राप्त करता है ! अगर मुझे चित्र, फाईल इत्यादि किसी सज्ज्न को भेजना हो तो मुझे मोबाईल छोड़कर अपने कंप्यूटर की सेवा में हाज़िर होना पड़ता है । यह कठिनाई हमेशा मेरे मन में सालती थी कि कब वह दिन आयेगा जब मैं कहीं भी, कभी भी अपने मोबाईल से ही फाईल, वेब-फाईल,चित्रादि भेज पाऊंगा। इसी बीच कुछ दिन पहले हिंदी के जाने-माने व्यंग्यकार और चर्चित ब्लॉगर
अविनाश वाचस्पति जी की साईट www.tetalaa.blogspot.com पर
http://hi.pratham.net की खबर मिली। फिर क्या था , मैंने इसके स्वामी, जो खुद कंप्यूटर साईंस के द्वितीय वर्ष के अत्यंत होनहार छात्र भी हैं , को एक ईमेल भेजकर अपनी समस्या से रू-ब-रू कराया । मेल मिलते ही उन्होंने मुझसे संपर्क किया और तत्क्षण मेरी समस्या हल कर दी।
उन्होंने live window mail की तर्ज़ पर मोबाईल के मेलबॉक्स का सेटिंग भेजकर उसे सक्रिय कर दिया। बस क्या था, धड़ाधड़ उसमें मेल आना शुरु हो गया और मेल अपडेट होने लगा ! उसके ऑप्शन में जाकर जब मैंने फाईल,वेब-फाईल और मोबाईल में पहले से रक्षित किये गये फोटो को भेजना शुरु किया तो वे मेल प्राप्तकर्ता को आसानी से मिलने लगे। मेरी तो खुशी का ठिकाना न रहा!
यहाँ तक कि मोबाईल के कैमरे से तुरंत खींचे गये फोटो को भी ईमेल पर भेजने में सफल हो गया। यानि आप यही समझिए कि अब मैं अपने मोबाईल को कंप्यूटर की तरह उपयोग कर रहा हूँ। मैं आभारी हूँ अंकित जी का। पर वे बड़े खुदगर्ज़ हैं। आभार लेना नहीं चाहते, सिर्फ़ देना जानते हैं।
खैर... आज ऐसे युवा वैज्ञानिकों समाज और देश को जरुरत है। मैं उन्नीस वर्ष की अल्पायु के इस युवा का आभार कैसे व्यक्त करूं ? ।- सुशील कुमार(sk.dumka@gmail.com)
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वाकई, प्रथम ब्लॉग बहुत उम्दा कार्य कर रहा है..हम भी आभारी हैं.
जवाब देंहटाएंनिश्चित ही अंकित अपनी वेबसाइट के जरिए युक्तियों की जादूगरी में सिद्धहस्त है और इसे सबके बीच बांटकर एक जनहितकारी कार्य कर रहा है।
जवाब देंहटाएंunakaa blog dekhkar mujhe apne ek mitra Rupesh ki yaadh aati hai.. jo usi umra se aisa hi kuchh kar raha hai.. :)
जवाब देंहटाएंkabhi uske blog par bhi jaiye.. magar english me hai.. jab ham college me the tab mobile tech utni achchhi nahi thi.. fir bhi vo saare kaam mobile se hi karta tha..
uske blog ka pata hai - http://fundubytes.blogspot.com
Very very Thanks for this Post.
जवाब देंहटाएंI will try to Give my best for it.
अंकित को सलाम !
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