प्रतिक्रिया पर प्रतिप्रतिक्रिया दीजिए
जैसे दी है मैंने
और दीजिए ज्ञान
इसी से आगे खुलेंगे
आंख, नाक और कान।
बच्चा काफी समझदार है
नटखट नाम तो है इसका
पर काम दिमाग खटखटाने के कर रहा है
पर विदेशी या विदेश में रहने वाले इस
प्यारे से खटखट बच्चे को ढेर सारा प्यार।
सही खटखटाया है इसने दिमाग का दरवाजा
ऐसी नौबत ही न आने दें कि हो झगड़ा
करें ऐसा कि झगड़े का न हो तनिक रगड़ा
नुक्कड़ संगोष्ठी में आने का हो पक्का इरादा
वे पूरा होमवर्क अभी से करना कर दें शुरू
कह सकते हैं गुरू हो जायें शुरू
चाहे हों वे मौजूद इन चुरू
पर करनी है जिन मुद्दों पर चर्चा
उस पर अभी से दिमाग का कर लें खर्चा
अपने विषय सुझायें उस पर राय भी बतलायें
सब अपना अपना आइडिया इसी प्लेटफार्म पर लायें
उस पर अपने विचार बतलायें, सबके विचार सुनें
मनन करें, मंथन करें और निकालें निष्कर्ष
तभी संगोष्ठी का सोपान बनेगा नया उत्कर्ष
सिर्फ मिलने के लिए मिलना
अपने घरों से इतनी दूर निकलना
मेरा घर पास है तो इसका मतलब
यह तो नहीं है कि मुझे अन्यों की
चिंता नहीं है, जबकि आज खाली कोई नहीं है
वैसे भी समय खराब करने के लिए
नेटजगत से अच्छा कोई और प्लेटफार्म नहीं है
पर सभी नहीं कर रहे हैं समय खराब
और
न ही करना है हम सबने बेकार
चाहे कार में न आयें पर बेबस भी न हों
रचें, लिखें, मथे, ऐसा जो जचे जमाने को
बदल दे कहानी को, पूरी रवानी को
ऐसा माहौल बनाना है, अच्छे विचारों को
जगमगाना है, ब्लॉग का सदुपयोग करके
सबको करके दिखलाना है
नुक्कड़ चाहे न बने मिसाल, पर न खराब हो इसमें लगे साल
साल दर साल नहीं तो यूं ही बढ़ते रहेंगे
पर सच्चाई में पीछे हटते रहेंगे
इसलिए अच्छी तरह सोचें
अपनी योजनायें नुक्कड़ पर लगायें
जिसमें अपना संपूर्ण ज्ञान आजमायें
सबकी मानें और अपनी मनवायें
जो भी हों अच्छी सच्ची बातें
नहीं तो कल यही बच्चा हमें डांट रहा होगा
कहेगा अंकल, देखना मैं करता हूं क्या कल
पर उसे न होने दें विकल
और पर्यावरण अनुकूल चलायें शब्दों की साईकिल।
मैं इस साईकिल से उतरता हूं
अब दूसरा बैठे और अपनी बात कहे।
नुक्कड़ ब्लॉग/ब्लॉगर गोष्ठी का आयोजन
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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बताईए तो श्रीमान कि
जवाब देंहटाएंकितने बजे आना है?....
कितने बजे जाना है?...
खाना साथ बाँध के लाना है
या फिर पर वहीं पे खरीद के खाना है?
राजीव जी चिंता आपकी जायज है
जवाब देंहटाएंयह क्षेत्र आपके हवाले कर रहे हैं
सब चाहते हैं कि कोई जिम्मेदार
जिसे अपनी भी हो चिंता ऐसी
वही व्यवस्था करे इसकी और
साफ साफ बतलायें कि उस
दिन क्या किया जाये
जो सभी को भाये।
Q. No. 1 - natkhat naam kaa bachchha samajhdaaree kee baat karegaa to samjhdaar hari sharma ko kaiseebaat karnee chahiye.
जवाब देंहटाएंQ. No. 2 - agar samajhdaaree naa kar paaye to kya meeting se bahaar bhej diya jaayegaa.
Q. No. 3 - kya badalte hue yug mai bhee koi blogger samajhdaar ho saktaa hai?
Q. No. 4 - milne ke liye vajah kee jarrorat hotee hai kya?
MILO TO BEBAJAH MILO KABHEE KISEE SAMAY MILO
TALAASH MERI JINDGEE JUNOON MERAA NAAM HAI
DILO MAI JYOTI PYAAR KEE JALANAA MERAA KAAM HAI.
ऐ भाई खर्चे वरचे की बात मत करिए. आज कल मंदी के असर में चरों तरफ़ खर्च में कटौती की बात चल रही है और दिमाग खर्च कराने की बात कर रहे हैं?
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