नुक्कड़ निमंत्रण

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  • राजीव तनेजा
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  • अविनाश जी के सुझावानुसार हम सोच रहे हैँ कि क्यों ना नेहरू प्लेस,दिल्ली के नज़दीक 'आस्था कुंज' में  ब्लॉगर साथियों से एक अनौपचारिक मुलाकात की जाए।अब इसे गोष्ठी या फिर सामान्य मुलाकात आप जो जी चाहे  कह लें लेकिन आप आएँ ज़रूर।आप सभी का इंतज़ार रहेगा और यदि किन्हीं अपरिहार्य  कारणों की वजह से आना संभव ना हो तो अपना स्नेहाशीष तथा शुभकामनाएँ ज़रूर भेजें।

    इसके लिए कौन सा दिन व कौन सा समय(कितने बजे से कितने बजे तक) सबसे उचित एवं सुविधाजनक रहेगा?इसके बारे में आप हमें अपने विचारों से अवगत कराएँ।मेरे ख्याल से रविवार का दिन हो तो सबसे अच्छा।

    मेरा मानना है कि ऐसी अनौपचारिक मुलाकात महीने में कम से कम एक बार तो अवश्य ही होनी चाहिए जिसमें हम सभी सम्मिलित हों और चर्चा के जरिए एक दूसरे के विचारों से अवगत हों।

    इस मुलाकात में किस बारे में बात की जाए और किस बारे में नहीं?.......इस बारे में भी आपके सुझाव आमंत्रित हैँ।

    एक और ज़रूरी बात कि खाने-पीने का क्या इंतज़ाम किया जाए और कैसे किया जाए?...

    यहाँ कैसे किया जाए से मेरा तात्पर्य है कि किसी एक साथी के सिर पे इन सब इंतज़ामात का ठीकरा फोड़ने के बजाए क्यों ना हम सब अँग्रेज़ी के घोर विरोधी होते हुए भी उन्हीं के तरीके ..'खर्चा अपना अपना...तो दोस्ती पक्की' को अपनाएँ? क्योंकि बड़े-बुज़ुर्ग भी तो कह गए हैँ कि......"सीख अगर अपने चिर विरोधी से भी मिले...तो भी उसे बेहिचक ले लेना चाहिए"

    आपका क्या विचार है?

    एक और तरीका ये भी हो सकता है(अगर सुविधाजनक लगे तो) कि हम सभी अपने घर से कोई ना कोई आईटम बना कर(अगर बनाना आता हो तो) या फिर बनवा कर लाएँ।

    क्या कहा?

    मैँ क्या लाऊँगा?"...

    "म्मैँ....मैँ आलू-पूड़ी लाने को तैयार हूँ।अब ये मैँ आपको क्यों बताऊँ कि इसके लिए मैँ अपने-हाथ-पैर और कपड़े सब लिबेड़ूंगा या फिर इसके लिए श्रीमति जी से चिरौरी कर उन्हें मक्खन लगाऊँगा?

    आप गुठलियों की चिंता छोड़ बस सिर्फ आम से मतलब रखें।वैसे भी आपको तो बस काम होने से मतलब होना चाहिए।

    "क्यों?...है कि नहीं"

    हाँ!...अगर आप चाहें तो किसी बाज़ार या मॉल से भी कुछ खरीद कर ला सकते हैँ।वैसे ये आपकी जेब पर और आपके विवेक पर निर्भर करता है कि आप क्या करना चाहते हैँ?

    आप चाहें तो इस बारे में अविनाश जी से फोन पर भी संपर्क कर सकते हैँ।

    उनका नम्बर है--- 9868166586

    राजीव तनेजा

    +919810821361

    6 टिप्‍पणियां:

    1. मैं अविनाश जी का
      फोन मिला रहा हूं
      पर मिलता ही नहीं


      दिन तो जो आपने
      सुझाया है रविवार
      सब लगते हैं तैयार।

      पहले विषय हो जाये
      तो तारीख भी लेंगे
      कर तय, फिर माह



      क्‍योंकि मिलने पर
      सबसे पहले खर्च
      समय होगा बेसर्च।

      विषय की करें सब
      अच्‍छी तरह रिसर्च
      सर्दियों में मिलेंगे।

      चलाना पड़ेगा काम
      गुठलियों से ही तो
      मिलेंगे कहां आम।

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    2. अविनाश जी और राजीव जी,

      दिन सुनिश्चित कीजिये। हम निश्चित रूप से पहुँचेंगे दल बल के साथ:) आयोजन का विचार अच्छा है। शुभकामनायें।


      ***राजीव रंजन प्रसाद

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    3. देखिए जी मेरे तो मुँह में पानी आ गया अभी से आलू पुडी का नाम सुनकर। वैसे ये तरीका अच्छा है राजीव वाला। बाकी का कल विस्तार से बताऊँगा कि क्या क्या किया जा सकता है क्या क्या होना चाहिए।

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    4. आपकी पोस्‍ट की रहेगी प्रतीक्षा
      हमारे अमिताभ बच्‍चन तो
      आप ही हैं, यही है मेरी तलाश।

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    5. रविवार का दिन रखिए। मैं १ मार्च, ८ मार्च को उपलब्ध हूँ। हिन्दी ब्लॉगिंग प्रोफेशनल ब्लॉगिंग की ओर कैसे बढ़े, इस पर चर्चा करें।

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    6. main bhi aana chahta hoon , lekin kaise aaun , main yahan ,aap wahan ,, hamse phone par baat karwa lijiye aur jo bhi khana aayenga , courier karwa dijiyenga ..

      aapka
      vijay
      hyderabad
      09849746500

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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