पित्त-पथरी? बिना आपरेशन सफ़ल चिकित्सा: easy remedies for gallstones
गाल ब्लाडर
में पथरी (gallstones)बनना एक भयंकर पीडादायक रोग है। इसे ही पित्त पथरी कहते हैं।
पित्ताषय में दो तरह की पथरी बनती है।
प्रथम कोलेस्ट्रोल निर्मित पथरी।
दूसरी पिग्मेन्ट से बननेवाली पथरी।
ध्यान देने योग्य है कि लगभग८०% पथरी कोलेस्ट्रोल तत्व से ही बनती हैं।वैसे तो यह रोग किसी को भी और किसी भी आयु में हो सकता है लेकिन महिलाओं में इस रोग के होने की सम्भावना पुरुषों की तुलना में लगभग दूगनी हुआ करती है।
पित्त लिवर में बनता है और इसका भंडारण गाल ब्लाडर में होता है।यह पित्त वसायुक्त भोजन को पचाने में मदद करता है। जब इस पित्त में कोलेस्ट्रोल और बिलरुबिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है,तो पथरी निर्माण के लिये उपयुक्त स्थिति बन जाती है। प्रेग्नेन्सी,मोटापा,मधुमेह,,अधिक बैठे रेहने की जीवन शैली, तेल घी अधिकता वाले भोजन,और शरीर में खून की कमी से पित्त पथरी रोग होने की सम्भावना बढ जाती है।
दो या अधिक बच्चों की माताओं में भी इस रोग की प्रबलता देखी जाती है।
अब मैं कुछ आसान घरेलू नुस्खे प्रस्तुत कर रहा हूं जिनका उपयोग करने से इस भंयकर रोग से होने वाली पीडा में राहत मिल जाती है और निर्दिष्ट अवधि तक इलाज जारी रखने पर रोग से मुक्ति मिल जाती है।
१) गाजर और ककडी का रस प्रत्येक १०० मिलिलिटर की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीयें। अत्यन्त लाभ दायक उपाय है।
२) नींबू का रस ५०
मिलिलिटर की मात्रा में सुबह खाली पेट पीयें। यह उपाय एक सप्ताह तक जारी रखना उचित
है।
३) सूरजमुखी या ओलिव आईल ३० मिलि खाली पेट पीयें।इसके तत्काल बाद में १२० मिलि अंगूर का रस या निम्बू का रस पीयें। यह ईलाज कुछ हफ़्तों तक जारी रखने पर अच्छे परिणाम मिलते हैं।
४) नाशपती का फ़ल खूब खाएं। इसमें पाये जाने वाले रसायनिक तत्व से पित्ताषय के रोग दूर होते हैं।
५) विटामिन सी याने एस्कोर्बिक एसिड के प्रयोग से शरीर का इम्युन सिस्टम मजबूत बनता है।यह कोलेस्ट्रोल को पित्त में बदल देता है। ३-४ गोली नित्य लें।
६) पित्त पथरी रोगी भोजन में प्रचुर मात्रा में हरी सब्जीयां और फ़ल शामिल करें। ये कोलेस्ट्रोल रहित पदार्थ है।
७) तली-गली,मांस,मसालेदार चीजों का परहेज जरुरी है।
८) शराब,चाय,काफ़ी एवं शकरयुक्त पेय हानिकारक है।
९) एक बार में ज्यादा भोजन न करें। ज्यादा भोजन से अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रोल निर्माण होगा जो हनिकारक है।
१०) गाल ब्लाडर की १० एम एम साईज तक की बडी पथरियां हर्बल औषधि से नष्ट करने वाले वैध्य दामोदर से 09826795656 पर संपर्क किया जा सकता है।
--डा.दयाराम आलोक
१४,जवाहर मार्ग
शामगढ(मध्य प्रदेश)
०९९२६५२४८५२
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प्रथम कोलेस्ट्रोल निर्मित पथरी।
दूसरी पिग्मेन्ट से बननेवाली पथरी।
ध्यान देने योग्य है कि लगभग८०% पथरी कोलेस्ट्रोल तत्व से ही बनती हैं।वैसे तो यह रोग किसी को भी और किसी भी आयु में हो सकता है लेकिन महिलाओं में इस रोग के होने की सम्भावना पुरुषों की तुलना में लगभग दूगनी हुआ करती है।
पित्त लिवर में बनता है और इसका भंडारण गाल ब्लाडर में होता है।यह पित्त वसायुक्त भोजन को पचाने में मदद करता है। जब इस पित्त में कोलेस्ट्रोल और बिलरुबिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है,तो पथरी निर्माण के लिये उपयुक्त स्थिति बन जाती है। प्रेग्नेन्सी,मोटापा,मधुमेह,,अधिक बैठे रेहने की जीवन शैली, तेल घी अधिकता वाले भोजन,और शरीर में खून की कमी से पित्त पथरी रोग होने की सम्भावना बढ जाती है।
दो या अधिक बच्चों की माताओं में भी इस रोग की प्रबलता देखी जाती है।
अब मैं कुछ आसान घरेलू नुस्खे प्रस्तुत कर रहा हूं जिनका उपयोग करने से इस भंयकर रोग से होने वाली पीडा में राहत मिल जाती है और निर्दिष्ट अवधि तक इलाज जारी रखने पर रोग से मुक्ति मिल जाती है।
१) गाजर और ककडी का रस प्रत्येक १०० मिलिलिटर की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीयें। अत्यन्त लाभ दायक उपाय है।
३) सूरजमुखी या ओलिव आईल ३० मिलि खाली पेट पीयें।इसके तत्काल बाद में १२० मिलि अंगूर का रस या निम्बू का रस पीयें। यह ईलाज कुछ हफ़्तों तक जारी रखने पर अच्छे परिणाम मिलते हैं।
४) नाशपती का फ़ल खूब खाएं। इसमें पाये जाने वाले रसायनिक तत्व से पित्ताषय के रोग दूर होते हैं।
५) विटामिन सी याने एस्कोर्बिक एसिड के प्रयोग से शरीर का इम्युन सिस्टम मजबूत बनता है।यह कोलेस्ट्रोल को पित्त में बदल देता है। ३-४ गोली नित्य लें।
६) पित्त पथरी रोगी भोजन में प्रचुर मात्रा में हरी सब्जीयां और फ़ल शामिल करें। ये कोलेस्ट्रोल रहित पदार्थ है।
७) तली-गली,मांस,मसालेदार चीजों का परहेज जरुरी है।
८) शराब,चाय,काफ़ी एवं शकरयुक्त पेय हानिकारक है।
९) एक बार में ज्यादा भोजन न करें। ज्यादा भोजन से अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रोल निर्माण होगा जो हनिकारक है।
१०) गाल ब्लाडर की १० एम एम साईज तक की बडी पथरियां हर्बल औषधि से नष्ट करने वाले वैध्य दामोदर से 09826795656 पर संपर्क किया जा सकता है।
--डा.दयाराम आलोक
१४,जवाहर मार्ग
शामगढ(मध्य प्रदेश)
०९९२६५२४८५२
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very good information on gall stones.only herbal medicine can cure this ailment.thanx.
जवाब देंहटाएंgallbladder pain in the back diet and symptoms like biliary colic, constant pain in the middle or right of the upper abdomen accompanied by nausea.
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