विशेष निर्णय के तहत आज 14 सितम्बर 2011 हिंदी दिवस से अगले वर्ष 2012 के हिंदी तक दिवस तक, यदि पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी, तो दोनों पुस्तकों के विशेष मूल्य रुपये 450/- केवल में मिलती रहेंगी। आप तो बस दिए गए खाते में राशि जमा करवा दीजिए और उसकी सूचना nukkadh@gmail.com पर भेज दीजिए। पुस्तकें आपके पास दौड़ी चली आयेंगी।
यह पुस्तक अविनाश वाचस्पति और रवीन्द्र प्रभात के द्वारा संपादित है
मूल्य : 495/- ( डाक खर्च अलग से )
प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701
(२) पुस्तक का नाम : हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास
लेखक का नाम : रवीन्द्र प्रभात
मूल्य : 250 /-( डाक खर्च अलग से)
प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701
महाविशेष सूचना :
आप सबके विशेष अनुरोध पर निर्णय लेते हुए यह सूचित किया जाता है कि क्योंकि अभी तक बहुत से हिन्दी ब्लॉगर साथियों तक सूचना या तो देर से पहुंची है अथवा नहीं पहुंची है इसलिए कल के अवकाश को ध्यान में रखकर तिथि को 15 अप्रैल 2011 शुक्रवार सांय 6 बजे तक बढ़ाया गया है लेकिन इसके बाद किसी भी स्थिति में ब्लॉगरों का विवरण पुस्तक में शामिल नहीं किया जा सकेगा। पुस्तक 16 अप्रैल 2011 से प्रेस में पहुंचकर प्रिंट होनी शुरू हो जाएगी। इसलिए 15 अप्रैल 2011 को सांय 6 बजे बाद प्राप्त किसी विवरण को पुस्तक में, किसी भी स्थिति-परिस्थिति में सम्मिलित नहीं किया जा सकेगा। हां, पुस्तकों की बुकिंग की सुविधा इन्हीं नियमों के अंतर्गत अवश्य 25 अप्रैल 2011 तक की जा सकेगी। 25 अप्रैल 2011 के बाद 26 अप्रैल 2011 से दोनों पुस्तकों की अग्रिम बुकिंग 495/- रुपये में की जा सकेगी।
विशेष सूचना : 12 अप्रैल 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्लॉगरों के नाम, ब्लॉग पते और ई मेल पते पुस्तक में बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के शामिल/ प्रकाशित किए जायेंगे।
रुपये 450/- केवल भेजने के लिए आप अपनी सुविधानुसार निम्नलिखित तीन विकल्पों में किसी एक का चयन कर सकते हैं
1. आप मनीआर्डर से सीधे हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के पते पर राशि भेज सकते हैं परंतु मनीआर्डर के पीछे संदेश में अपना पूरा पता, फोन नंबर ई मेल आई डी के साथ अवश्य लिखें।
2. तकनीक का लाभ उठाते हुए आप बैंक ऑफ बड़ौदा, बिजनौर के नाम हिन्दी साहित्य निकेतन के खाता संख्या 27090100001455 में नकद जमा करवा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के बाद जमा पर्ची का स्कैन चित्र मेल पर अपनी पूरी जानकारी के साथ अवश्य भिजवायें।
3. आप यह राशि हिन्दी साहित्य निकेतन के नाम ड्राफ्ट के द्वारा भी डाक अथवा कूरियर के जरिए भेज सकते हैं। चैक सिर्फ सी बी एस शाखाओं के ही स्वीकार्य होंगे।
आप जिस भी विकल्प का चयन करें, उसका उपयोग करने के बाद इन ई मेल पर सूचना भी अवश्य भेजने का कष्ट कीजिएगा
giriraj3100@gmail.com, ravindra.prabhat@gmail.com & nukkadh@gmail.com पर जरूर भेजिएगा।
ज्ञातव्य हो कि उपरोक्त दोनों पुस्तकों का सम्मिलित मूल्य है रुपये. 745/- किन्तु लोकार्पण से पूर्व यानी दिनांक २५.०४.२०११ तक संयुक्त रूप से दोनों पुस्तकों की खरीद पर डाक खर्च सहित रू. 450/- ही देने होंगे !
ऑर्डर सीधे प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के नाम भेजना है !
किसी प्रकार की शंका होने पर ई मेल भेजने अथवा फोन से बात करने पर हिचकिचाएं मत।
विशेष सूचना : 12 अप्रैल 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्लॉगरों के नाम, ब्लॉग पते और ई मेल पते पुस्तक में बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के शामिल/ प्रकाशित किए जायेंगे।
इस सूचना को ब्लॉगहित में सबके साथ साझा कीजिए।
अच्छी जानकारी।
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी।
जवाब देंहटाएं12 अप्रैल 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्लॉगरों की सूचि में आप मुझे भी शामिल कर लें ... बैंक की करवाई पूरी कर आप से संपर्क करता हूँ !
जवाब देंहटाएंरविन्द्र प्रभात जी को पुस्तको के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंकवर पेज ही इतना अच्छा है, तो अंदर तो मजा आ जाएगा।
जवाब देंहटाएंबधाई हो।
12 अप्रैल तक!? और सूचना 11 अप्रैल की दोपहर को?
जवाब देंहटाएंये तो राजा का पहले आयो पहले पायो अभियान जैसा 45 मिनटिया 2G अभियान लगता है!!
टिपण्णी बक्से के ऊपर ही मुझसे कहा गया कि
(लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद)
धन्यवाद शिवम् जी। अपने सभी साथियों को भी इस जानकारी से अवश्य अवगत कराइयेगा।
जवाब देंहटाएंरविन्द्र पुंज जी, जैसा कि आपने कहा था, आप भी अपनी और अपने यमुनानगर के हिन्दी ब्लॉगर साथियों की पुस्तक की बुकिंग संबंधी प्रक्रिया पूरी करवा कर जानकारी ई मेल पर 12 अप्रैल से पूर्व भिजवाइयेगा।
अन्य सभी हिन्दी ब्लॉगर साथी इस यज्ञ में अपनी आहुति बुकिंग के माध्यम से खुद तो डालें ही, अपने अन्य साथियों और मित्रों को भी अवश्य प्रेरित करें।
मैं जल्द ही बैंक ऑफ़ बड़ोदा में पैसा जमा कराकर आपसे संपर्क करता हूँ ....
जवाब देंहटाएंbada achha laga jaan kar...........
जवाब देंहटाएंmeri prati bhi ho sake toh book kar lijiye parantu main abhi na toh bank jane ki sthiti me hoon , na hi money order karne ki, kyonki poora jism bukhaar me tap raha hai
jaise hi swasth hounga, rashi bhej dunga
-albela khatri
1-B, gaurang apt.,
nanavat, surat-395003
094083 29393, 092287 56902
albelakhatri@hasyahungama.com
www.albelakhatri.com
www.hasyahungama.com
अलवेला जी,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रति मैंने सुरक्षित करवा दी है , आप जैसे ही स्वस्थ हो जाएँ प्रकाशक को सीधे धनराशी भेज दें !
रविन्द्र जी, पुस्तक प्रकाशन के लिए बधाई. पर सूचना जरा जल्दी देना चाहिए था. फ़िलहाल 12 अप्रैल 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्लॉगरों की सूचि में आप मुझे भी शामिल कर लें ... बैंक की करवाई पूरी कर आप से संपर्क करता हूँ !
जवाब देंहटाएंचण्डीदत्त शुक्ल जी की दोनों पुस्तकों की नकद राशि उन्होंने मेरे पास भिजवा दी है। उन्हें सूची में शामिल कर लिया गया है। आभार।
जवाब देंहटाएंशिवम् मिश्रा जी को भी सूची में शामिल कर लिया गया है। वे पुष्टि कर चुके हैं। आभार।
फोन पर प्राप्त सूचना के उत्तर में
जवाब देंहटाएंविदेश्ा स्थित हिंदी ब्लॉगर साथी अपने किसी भारतीय मित्र के द्वारा बुकिंग करवा सकते हैं। प्रति उनके भारतीय मित्र के पते पर भिजवा दी जाएगी और उनका नाम, ब्लॉग पता और ई मेल सूची में शामिल कर लिया जाएगा।
Pl. book my copy. After sending money inform you type of transfer the money.
जवाब देंहटाएंThanks.
रेखा श्रीवास्तव जी आपका नाम दोनों पुस्तकों की बुकिंग सूची में शामिल कर लिया गया है। आभार।
जवाब देंहटाएंPlease send me also the books ...
जवाब देंहटाएंDigamber Naswa
P.O.Box - 17774, Dubai, UAE
Ph: +971506364854
I will send the check/DD ... please inform me through my mail ID dnaswa@gmail.com
पुस्तकालयों व समाचार पत्र—पत्रिकाओं के संपादकों की जय हो जिन्हें इन पुस्तकों की प्रतियां ज़रूर मुफ़्त मिलेंगी :)
जवाब देंहटाएंकाजल जी, इस पुस्तक को न तो संपादक ही और न ही पुस्तकालयों को पुस्तक की प्रतियां नि:शुल्क भेजी जाएंगी। नि:शुल्क पुस्तकों की सूची में पहला नाम संपादक और लेखकों का होता है, जब उन्हें ही नि:शुल्क नहीं दी जा रही हैं तो बाकियों के लिए सोचना तो बहुत दूर की कौड़ी है। आप विश्वास रखें।
जवाब देंहटाएंमेरे लिए बुक लिजिये...
जवाब देंहटाएंअविनाश वाचस्पति जी।
जवाब देंहटाएंआप मेरा नाम और मेल आई डी पुस्तक में जुड़वा दें।
30 अप्रैल को दिल्ली आने पर मैं आपको भुगतान कर दूँगा।
जैसी आज्ञा शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंkyon avinaashji !
जवाब देंहटाएंkya irada hai ?
100-200 extra copy book karaalen, agar black me bikne ka chance ho ?
अविनाश जि मेरी पुस्तक के लिये मेरा नाम लिख लें मै 450 रुपये मनिआर्डर दुआरा भेज दूँगी। कल अगर रामनवमी की छुट्टी न हुयी तो कल ही भेज दूँगी नही तो परसों. आप मेरी प्रति सु़्रक्षित कर लें। धन्यवाद्\
जवाब देंहटाएंवाह क्या कहने !
जवाब देंहटाएंइसी को कहते हैं फेयर बिजिनेस ..
मेरा ४५० रुपये का चैक कट गया है -
भारतीय स्टेट बैंक -
चैक नंबर -६७००० दिनांक ११-४-११
निर्मला जी और अरविन्द जी आपका आभार , मुझे पहले यह भान नहीं था कि कल राम नवमी का अवकाश है इसलिए अब १२ के स्थान पर १३ अप्रैल तक ऑर्डर बुक करने वालों को यह सुविधा सुनिश्चित होगी !
जवाब देंहटाएंअलबेला जी, जहां तक न पहुंचे प्रकाशक, संपादक वहां पहुंचें अलबेला जी।
जवाब देंहटाएंहुजूर आप चाहे दो सौ प्रतियां बुक करवायें अथवा तीन सौ। एक तो राशि तुरंत भिजवायें मतलब 13 अप्रैल 2011 तक। दूसरा इतने ही हिन्दी ब्लॉगों, ब्लॉगरों के नाम, यूआरएल और ई मेल पते भी भिजवायें ताकि उन्हें पुस्तक में सम्मिलित किया जा सके। वैसे प्रतियां बिना ब्लॉग/ब्लॉगरों का जिक्र किए बिना भी बुक की जा रही हैं परंतु राशिसिंह के बिना तो महंगी ही मिलेंगी। आप जल्दी से ही बुक करवा लें। जब तक अन्ना हजारे के प्रयासों से भ्रष्टाचार भारत से दूर होगा तब तक तो आपकी प्रतियां भी ब्लैक में बिक चुकी होंगी और उनसे प्राप्त धन स्विस बैंक में जमा हो चुका होगा। सादर/सस्नेह
अविनाश भाई ,
जवाब देंहटाएंअपने स्विस बैंक खाते का नंबर बताइये किताब खरीदनी है ! :-)
अविनाश भाई मैंने अभी-अभी सूचना देखी है और अब न तो बेंक की सुविधा है और न ही डाकघर की कल भी सरकारी अवकाश है इसलिए मेरा मनीआर्डर १३ तारीख को ही हो पायेगा | मेरी प्रति सुरक्षित कर लें और नाम पता और ईमेल भी जोड़ ले |
जवाब देंहटाएंबीना जी आप निश्चिंत रहें। आपके कहे अनुसार हो जायेगा।
जवाब देंहटाएंसतीश जी, स्विस बैंक वाले कह रहे हैं कि हमारे यहां खाता खोलने के लिए सतीश सक्सेना जी का ही अनुमोदन चलेगा क्योंकि जिनका पच्चीस वर्ष पुराना खाता होता है, उन्हीं के अनुमोदन के पश्चात् यहां पर नये नये नौसिखियों और ब्लॉगरों का खाता खोला जाता है। आप अनुमोदन और प्रारंभिक राशि जमा करवाने के लिए तैयार रहिएगा। वैसे आपको फोन किया है और आपने फोन अटैंड नहीं किया है।
हम हिंदुस्तानी भी अपना नाम किताब में देखने के लिए क्या क्या नहीं करते !
जवाब देंहटाएंहमारी प्रति भी हमें भेजियेगा, हमारा नाम भी शामिल कर लीजिये। कृप्या बैंक ऑफ़ बड़ौदा का IFSC Code बतायें तो हमे ऑनलाईन ट्रांसफ़र कर सकेंगे।
जवाब देंहटाएंसच्ची कहा है, स्पेन के लोग तो इस पर रिसर्च ही कर देंगे।
जवाब देंहटाएंहम तो जब कवर फ़ायनल हुआ था तब्बे से सूची में थे इसलिए हमारा नाम भी अविलंब शामिल किया जाए ..भुगतान हम कैश करेंगे जी अविनाश भाई सूची अपडेट करिए ..पांच सौ वाले गांधी जी का नोट प्रेस करके धर लिए हैं अभिए ..भेजेंगे नहीं कहीं भी आपही को चाहे रविंद्र भाई को दे देंगे ..आप आगे सरका दीजीएगा ..
जवाब देंहटाएंबिकवाने पर "कमीशन" का प्रावधान भी है क्या? :) :) :)
जवाब देंहटाएंजी सुरेश भाई, आप एमआरपी पर बिकवाइये और रुपये 250/- कमीशन पाइये। जय भारत।
जवाब देंहटाएंविवेक जी, तकनीक पर पूरी निर्भरता से बचने के लिए ऑनलाईन की सुविधा इस समय छोड़ दी गई है इसलिए आप मनीआर्डर या सीबीएस चैक अथवा बैंक खाते में नकद जमा करवा सकते हैं। अपने संपर्क के और मुंबई के साथियों को भी इसकी सूचना पोस्ट अथवा अन्य संचार माध्यमों से भी अवश्य दे दीजिएगा।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया मेरी प्रति बुक करने के लिए...
जवाब देंहटाएंजै हो
जवाब देंहटाएंइस संबंध में एक सूचना पॉडकास्ट में आप स्वयं अपनी ओर से इस पोस्ट के अनुसार रिकार्ड करके प्रसारित कर दीजिएगा गिरीश भाई, फिर तो हिन्दी ब्लॉगिंग की जै नवरात्र में हो जाएगी।
जवाब देंहटाएंजय माता की।
सभी हिन्दी ब्लॉगरों को नवरात्र की शुभकामनाएं।
कल जमा करवाते हैं पैसे, हमारा नाम तो जोड़ दीजिये और टिप्पणी में कन्फ़र्म भी कर दीजिये
जवाब देंहटाएंविवेक जी, कन्फर्म नहीं कर सकते। हम हिन्दी ब्लॉगर हैं पुष्टि करेंगे।
जवाब देंहटाएंNaam Judwana maksad nahe. Maksad toa hai aap ke rachnaoan ka anand laynay ka. Phone per samperk karta hoon.
जवाब देंहटाएंइस समय मैं रतलाम से बाहर हूँ और कोई पॉंच दिनों बाद घर पहुँचूँगा। फिर, कल, 12 अप्रेल को बैंको मे रामनवमी की छुट्टी होगी।
जवाब देंहटाएंयदि विश्वास कर सकें तो मेरा नाम भी शामिल कर लें। रतलाम पहुँच कर 450 रूपये, बैंक ऑफ बडौदा में आपके खाते में जमा कर दूँगा।
आगे आपकी मर्जी।
जो कहें विष्णु और न मानें अविनाश
जवाब देंहटाएंनहीं हुआ है बैरागी भाई भरोसे का सत्यानास
आपका नाम शामिलों में कर लिया है शामिल
क्या पांच और क्या पचास
जब चाहें भेजें पूरा है विश्वास
मैं हूं मुन्नाभाई अविनाश।
डॉ. सुभाष राय जी, संपादक जनसंदेश टाइम्स से बात हुई है, उनका नाम भी शामिल कर लिया गया है।
नवीन भाई आपके फोन की काल का इंतजार कर रहा हूं।
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत बधाई अविनाश जी और रविन्द्र जी ,ब्लोगिंग पर पुस्तक के लिए बहुत बधाई .मैं कल ही अपने लिए इस पुस्तक की प्रति सुरक्षित करवाती हूँ :-)
जवाब देंहटाएंअविनाश जी अच्छा हो यदि आप बैंक एकाउण्ट के साथ BoB की ब्रांच का e-पेमेण्ट हेतु IME अथवा जो भी नं होता है वह भी सूचित करें। अवकाश दिवस की समस्या से मुक्ति ।
जवाब देंहटाएंवस्तुत: मेरे 450/- का अग्रिम वचन अभी ले लें दोनो पुस्त्कों की प्रति के लिये मैं भी उत्सुक हूं
आप टिप्पणी में दर्ज कर दीजिए बुकिंग हो गई समझिएगा। आभार राधिका और श्रीकांत जी
जवाब देंहटाएंye naainsaafi hai vachaspati sir.... aap mujhe aaj bata rahe hai... aaj ramnavmi ki chhutti hai.... bank saare band hai... post office bhi.... :(
जवाब देंहटाएंहमारी भी प्रति बुक कर लीजिये।
जवाब देंहटाएंवंदना जी आपकी प्रति बुक नहीं हो सकती। हां, आपके लिए जरूर बुक कर ली है।
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम आपको और प्रभात जी को इन पुस्तकों के लिए बधाई.
जवाब देंहटाएंहमारी तरफ से दोनों पुस्तकों के तीन सेट की खरीद कन्फर्म की जाय. आज ही प्रभात जी और डा. अग्रवाल जी से भी बात हुई है, आपका नंबर रहता तो आप से भी बात होती. यह तीनों सेट क्रमश: कृष्ण कुमार यादव, आकांक्षा यादव और अक्षिता (पाखी) के नाम दर्ज किये जाएँ. आज खाते में 1350 रूपये भी ट्रांसफर हो जायेंगें.
अविनाश जी / रवीन्द्र जी ,
जवाब देंहटाएं* दोनों किताबों की एक - एक प्रति मेरे लिए सुरक्षित रखें। बुकिंग लिस्ट में शामिल कर लें मुझे।
* दोनी ही पुस्तकों का आवरण बहुत सुंदर है। निश्चित रूप से ये दोनो ही किताबें हिन्दी ब्लॉगिंग की बनती हुई दुनिया के मिजाज को समझने - समझाने की दिशा में कारगर होंगी , ऐसी उम्मीद है।
क्या इन किताबों की बुकिंग / बिक्री www.flipkart.com के मार्फत भी संभव है ? संभव हो सकती है?
जवाब देंहटाएंअविनाश जी,
जवाब देंहटाएंब्लागिंग पर प्रकाशित होने वाली इन पुस्तकों की चर्चा तो आपने ’हिन्द-युग्म’के पिछले कार्यक्रम में ही कर दी थी.पुस्तकें अब शीध्र ही प्रकाशित होकर भी आ रही हॆं.आपको व रविन्द्र प्रभात जी को इस विशेष प्रयास के लिए धन्यवाद!बुकिंग के लिए 12 अप्रॆल-2011 तक की समय-सीमा-यह तो कुछ नाइन्साफी हॆ-मुन्नाभाई! अब ओरों की तरह से,मॆं भी कहूं-उधार कर लो, कल भेज दूंगा(आज रामनवमी की छुट्टी हॆ)-खुद को शर्म आती हॆ.आखिर! आप भी बाल-बच्चेदार हो.कितना उधार करोगे?बुकिंग की तारीख को थोडा-सा आगे खिसका लो.सच मानो!इस उधारी के धर्म-संकट से बच जाओगे.क्या ख्याल हॆ-आपका?
आज खाते में 1350 रूपये भी ट्रांसफर हो गए हैं, उसकी स्कैन कापी तीनों मेल पर भेज दी है.
जवाब देंहटाएंकृष्ण कुमार यादव :
kkyadav.y@rediffmail.com
http://www.kkyadav.blogspot.com (शब्द-सृजन की ओर)
http://dakbabu.blogspot.com (डाकिया डाक लाया)
आकांक्षा यादव :
kk_akanksha@yahoo.com
http://shabdshikhar.blogspot.com/(शब्द-शिखर)
http:// saptrangiprem.blogspot.com (सप्तरंगी प्रेम) http://balduniya.blogspot.com (बाल-दुनिया)
http://utsavkerang.blogspot.com(उत्सव के रंग)
अक्षिता (पाखी) :
akshita_06@rediffmail.com
http://pakhi-akshita.blogspot.com/ (पाखी की दुनिया)
ये तो लगता है वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान के सेमीफाइनल मैच के टिकट से भी ज़्यादा मारामारी होने वाली इन किताबों की बुकिंग के लिए...
जवाब देंहटाएंहम जैसा फक्कड़ स्वयंभू समीक्षक भी पैसे भेजकर अपनी प्रति सुरक्षित करा रहा है...कुछ अच्छा पाने के लिए कुछ खोना तो पड़ता ही है...
जय हिंद..
मेरी भी प्रति सुरक्षित कर लीजिये ..कल बैंक खुलते ही जमा करवाती हूँ
जवाब देंहटाएंAvinash jee, namaskar
जवाब देंहटाएंMata jee ke dehant ki vajah se apna aalekh apko nahin de paya, aap meri paristhiti samajh sakte hain. Lekin mere dono blog ke add aap ismain shaamil kar sakte hain
drharisharora.blogpost.com
mediavimarsh.blogspot.com
dr. harish arora
विनोद जी,
जवाब देंहटाएंराम नवमी के अवकाश के कारण बुकिंग की अवधि एक दिन और बढ़ा दी गयी है, शायद अब असुविधा न हो !
श्रीमान जी ,
जवाब देंहटाएंएक सैट इधर भी!
आशीष कुमार अंशु और उमाशंकर मिश्र जी के लिए भी प्रतियां बुक कर ली गई हैं। जैसा कि फोन पर सूचित किया गया है।
जवाब देंहटाएंhttp://www.apnimaati.com/2011/04/blog-post_6316.html
जवाब देंहटाएंमैं भी नाम की फिराक में घूमता रहता हूँ.एक तरह से ४५० रूपये में फ़ोकट में किताबें मिल जाएँगी और अपन का नाम भी विद्वानों की सूची में धर जायेगा.इसी बीच मैंने अजय कुमार झा के मार्फ़त ऑर्डर दे दिया है,आशा है,अविनाश भाई मान लेंगे !
जवाब देंहटाएंयहाँ से पैसे भेजना संभव नहीं हो पा रहा है अत: जुलाई में इंडिया आने पर ही भेज सकुंगी. अगर इस तरह ठीक समझें तो कृपया
जवाब देंहटाएंहमारी भी बुकिंग कर ली जाये.
रविन्द्र प्रभात जी.
जवाब देंहटाएंएक दिन तिथि आगे बढाने के लिए धन्यवाद!
कल ही मनिआर्डर से रु 450/-प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 भिजवा देते हॆं.बाकी जानकारी एडवांस में-
विनोद पाराशर
ई-मेल पता-vinodparashar1961@gmail.com
http://www.nayagharblogspotcom.blogspot.com(नया घर)
http://www.hasgulley.blogspot.com(हसगुल्ले)
http://www.rajbhashavikasmanch.blogspot.com(राजभाषा विकास मंच)
http://www.delhibloggersassociation.blogspot.com(दिल्ली ब्लागर्स एसोसिएशन)
शिखा जी बिल्कुल ठीक समझ लिया है। आपके लिए प्रतियों की बुकिंग की पुष्टि की जाती है। आप अपने बारे में विवरण ई मेल पर भिजवा दीजिए।
जवाब देंहटाएंपवन चंदन ने अपने लिए पुस्तकों की बुकिंग के लिए कह दिय है। उनका निवेदन भी स्वीकार किया गया है। वे अपने बारे में जानकारी मेल पर भिजवा दें।
घणा चौखा काम से ... एक म्हारी भी बुक कीजिये जनाब ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रयास होगा यह आपका|
जवाब देंहटाएंब्लॉग पढ़ने वालों को बहुत सी नयीं जानकारियां मिलेंगी,
और ब्लॉग न पढने वालों को "ब्लॉग्गिंग क्या होती है" ये जानकारी
सादर
गीतिका वेदिका
मैं राशि एक दो दिन में भेज रही हूं। मेरे लिए प्रतियां बुक कर ली जाएं और अपनी जानकारी मेल पर भेज दीजिएग|
जवाब देंहटाएंAvinash ji dono pustak mere liye bhi book karale. Aaj hi 45o ka check CBS shakha ka Sahitya Niketan ke pate par bhejugi.
जवाब देंहटाएंpavitra agarwal
email- agarwalpavitra78@gmail.com
http://bal-kishore.blogspot.com/
http://laghu-katha.blgspot.com/
एक आशीष जी के लिए भी बुक कर दीजिये. उनके अनुपस्थिति की वजह से उनकी तरफ से मेरा आग्रह है और मेरे लिए भी ...........
जवाब देंहटाएंरश्मि प्रभा जी ने दस प्रतियों की बुकिंग की है और ये धनराशि हिंदी साहित्य निकेतन को भेजी जा चुकी है, सूचनार्थ !
जवाब देंहटाएंwaah ji waah ,
जवाब देंहटाएंaap sabhi ko namaskar aur pranaam !!!
main bank me rs.450 /- deposit karwa raha hoon . thodi der baad main mail me receipt ki scan copy bhejunga .
mere blogs hai :
http://poemsofvijay.blogspot.com/
http://spiritualityofsoul.blogspot.com/
http://comicsofindia.blogspot.com/
http://shrisaibabaofshirdi.blogspot.com/
http://photographyofvijay.blogspot.com/
http://jokesandcomedylife.blogspot.com/
http://hrudayam-theinnerjourney.blogspot.com/
http://artofvijay.blogspot.com/
http://worldofvijaysappatti.blogspot.com/
aur mera pata hai :
V I J A Y K U M A R S A P P A T T I
FLAT NO.402, FIFTH FLOOR,
PRAMILA RESIDENCY; HOUSE NO. 36-110/402,
DEFENCE COLONY, SAINIKPURI POST,
SECUNDERABAD- 500 094 [A.P.].
Mobile: +91 9849746500
ba jaldi se mujhe apne dal me shaamil karke muje dono kitaab bijwa dijiye .
dhanywad
namaskar
vijay sappatti
ravindra ji
जवाब देंहटाएंmaine paise jama kara diye hai aur aapko mail bhi bhej diya hia
dhnaywad.
vijay
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (14-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
विजय जी,
जवाब देंहटाएंधनराशी से संवंधित आपका मेल मिल गया है , आभार!
Dear Mr. Avinash Ji / Mr. Ravindra Ji,
जवाब देंहटाएंPlease add me too in the list and keep booked one set.
since, am on roaming and accessing email on cell, could not check yesterday. shall make the necessary deposit to Bank on return in a couple of days.
Regards,
Mukesh Kumar Tiwari
http://tiwarimukesh.blogspot.com
Namskar ji..
जवाब देंहटाएंDeendayal Sharma
10/22 RHB Colony,
Hanumangarh Jn. 335512
Rajasthan
Mob. 09414514666
E-mail: deen.taabar@gmail.com
Deendayalsharma.blogspot.com
ddji.blogspot.com
taabartoli.blogspot.com
taabardunia.blogspot.com
hansimajaak.blogspot.com
मुकेश जी,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रतियां सहेज दी गयी है, आप सीधे धनराशि प्रकाशक को भेज देवें !
दीनदयाल जी, आप राशि सीधे बैंक में जमा करवा कर प्रकाशन संस्थान को मेल भेज दीजिएगा।
जवाब देंहटाएंमेरी २ पुस्तकें अभी बुक कर लें, धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंBadhai sir
जवाब देंहटाएंजी सर्वत भाई, आपके लिए दो प्रतियां बुक कर ली गई हैं और आपको चार मिलेंगी। यही तो इस योजना का लाभ है।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सुमित जी। आपकी प्रतियों का आदेश दिखलाई नहीं दे रहा है और लखन मिश्र जी को भी कहिए। ऐसे लगता है आप दोनों नहीं, हम तीनों साथ साथ फेसबुक पर बैठे हैं।
अविनाश जी देर से आने के लिए क्षमा।
जवाब देंहटाएंकृपया मेरी प्रति भी बुक कर लीजिए।
यह बताने का कष्ट करें कि कितनी राशि आपके एकाऊंट में डालनी है।
मेरा ब्लाग पता है
http://atulshrivastavaa.blogspot.com/
मेरा इ मेल पता है
aattuullss@gmail.com
कृपया यह भी बताने का कष्ट करें कि क्या ब्लाग के विवरण के लिए आपको अलग से मेल करना होगा। यदि हां तो किस मेल पते पर।
अतुल श्रीवास्तव
राजनांदगांव, छत्तीसगढ
अच्छी जानकारी। धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंअविनाश जी, प्रभात जी
जवाब देंहटाएंमुझे नाम जुड़वाने का कोई मोह नहीं है मगर मुझे प्रतियाँ चाहिए। पैसा मैं 30 अप्रैल को दिल्ली में दूँगा। कृपया पुष्टि करने का कष्ट करें।
प्रमोद ताम्बट
भोपाल
DEAR AVINASH BHAI
जवाब देंहटाएंCASH TO 30 KO HI DUNGA, LAKIN AABHARI RAHUNGA AGAR MERE LIYE BHI EK PRATI AAP SAMBHAL SAKE TO....
AAPKA ANUJ
DR AMIT
शुक्रिया अमित भाई, आपकी और आपके ब्लॉग का विवरण पुस्तक में शामिल कर लिया जायेगा।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया प्रमोद भाई, मोह आपको नहीं है परंतु हमें तो आपसे जुड़ने का मोह है। पुष्टि बहुत पुष्ट है।
अतुल भाई, विवरण नीचे दिया गया है जो कि मूल पोस्ट में भी प्रकाशित है :-
रुपये 450/- केवल भेजने के लिए आप अपनी सुविधानुसार निम्नलिखित तीन विकल्पों में किसी एक का चयन कर सकते हैं
1. आप मनीआर्डर से सीधे हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के पते पर राशि भेज सकते हैं परंतु मनीआर्डर के पीछे संदेश में अपना पूरा पता, फोन नंबर ई मेल आई डी के साथ अवश्य लिखें।
2. तकनीक का लाभ उठाते हुए आप बैंक ऑफ बड़ौदा, बिजनौर के नाम हिन्दी साहित्य निकेतन के खाता संख्या 27090100001455 में नकद जमा करवा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के बाद जमा पर्ची का स्कैन चित्र मेल पर अपनी पूरी जानकारी के साथ अवश्य भिजवायें।
3. आप यह राशि हिन्दी साहित्य निकेतन के नाम ड्राफ्ट के द्वारा भी डाक अथवा कूरियर के जरिए भेज सकते हैं। चैक सिर्फ सी बी एस शाखाओं के ही स्वीकार्य होंगे।
आप जिस भी विकल्प का चयन करें, उसका उपयोग करने के बाद इन ई मेल पर सूचना भी अवश्य भेजने का कष्ट कीजिएगा
giriraj3100@gmail.com, ravindra.prabhat@gmail.com & nukkadh@gmail.com पर जरूर भेजिएगा।
ज्ञातव्य हो कि उपरोक्त दोनों पुस्तकों का सम्मिलित मूल्य है रुपये. 745/- किन्तु लोकार्पण से पूर्व यानी दिनांक २५.०४.२०११ तक संयुक्त रूप से दोनों पुस्तकों की खरीद पर डाक खर्च सहित रू. 450/- ही देने होंगे !
ऑर्डर सीधे प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के नाम भेजना है !
किसी प्रकार की शंका होने पर ई मेल भेजने अथवा फोन से बात करने पर हिचकिचाएं मत।
शुक्रिया अविनाश जी।
जवाब देंहटाएंश्री आशीष कुमार अंशु, श्री उमाशंकर मिश्र, सुश्री सुषमा सिंह और श्री खुशदीप सहगल से नकद धनराशि प्राप्त हो चुकी है। इस राशि को जल्दी ही प्रकाशन संस्थान के खाते में जमा करवा दिया जाएगा।
जवाब देंहटाएंसिद्धेश्वर भाई, इन तीन के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प अभी तक तो नहीं है बुकिंग के लिए।
किसी की टिप्पणी का उत्तर नहीं आ पाया हो तो दोबारा से टिप्पणी में पूछ सकते हैं। इतनी अधिक टिप्पणियों के भंवर में हो सकता है कि किसी पर गौर न किया जा सका हो।
और सबके लिए : 15 अप्रैल 2011 तक अब आप अपनी जानकारी सम्मिलित करवा सकते हैं। यह बिल्कुल अंतिम मौका है, इसके बाद इसलिए संभव नहीं होगा क्योंकि पुस्तक के कागज मशीन में से गुजरने लगेंगे और उन पर वो सब अंकित होने लगेगा, जिसकी सबको इच्छा है।
और हां, आप अपने साथी ब्लॉगरों को इसकी सूचना भेजना मत भूलिएगा। क्योंकि वे पुस्तक में आपकी प्रकाशित जानकारी को देखकर आपके शिकायत अवश्य करेंगे कि आपने मुझे सूचना क्यों नहीं दी। इसलिए ऐसा मौका मत आने दीजिए।
जवाब देंहटाएंअविनाश जी एक प्रति मेरी भी सुरक्षित कर लें...
जवाब देंहटाएंजी सुमित जी, सुरक्षित भी कर ली और आपको शामिल भी कर लिया है।
जवाब देंहटाएंचाचा जी एक प्रति मेरे लिये भी रख लिजीयेगा... मुझे भी चाहिये :)
जवाब देंहटाएंनिश्चिंत रहो गरिमा बिटिया। बुक कर ली है और प्राप्त जानकारी को पुस्तक में शामिल होने के लिए भेज दिया गया है।
जवाब देंहटाएंअविनाश जी,
जवाब देंहटाएंपुस्तको के संबंध में मेरी ई-मेल भी मिल गयी होगी.बुकिंग पक्की समझे?
विनोद जी वो तो पहले ही पक्की मान ली गई है अब तो आप कहेंगे तो भी कच्ची नहीं होगी।
जवाब देंहटाएंमाननीय भाई प्रेम जनमेजय और लालित्य ललित जी से भी सूचना प्राप्त हो गई है और उनकी जानकारी भी पुस्तक में समाविष्ट कर दी जाएगी। आभार दोनों साथियों का प्रतियों की बुकिंग के लिए।
जवाब देंहटाएंयह किताब ३ साल पहले प्रकाशित हो जाती तो मुझे प्रोजेक्ट बनाने में कठिनाई नहीं होती .......बहरहाल नए लोगों को जानकर ख़ुशी होगी जैसा मुझे .......वैसे एक प्रति मेरी भी बुक कर लीजिये पेमेंट कैसे करना है यह अवस्य बता दें
जवाब देंहटाएंहद कर दी आपने आज बता रहे है
जवाब देंहटाएंएई बेक डेट में काम नही हो सकता क्या?
या बेक डोर एंट्री? हा हा हा
कल रूपये भ्ज्वाती हूँ आप मेरी,पद्मसिंह की प्रति बुक कर ले प्लीज़.और.....ऐसी सूचनाओ का उसी तरह ढिंढोरा पिटिए जैसे अन्ना के लिए पीटा था.
आदरणीय श्रीरविन्द्र प्रभातजी,
जवाब देंहटाएंकृपया मेरा भी एक सेट बुक करें, मैं बैंक में नकद, कल जमा करवा रहा हूँ, बाद में मेईल भी भेज दूँगा ।
वैसे ये बहुत अच्छा प्रयास है,आपको बधाई ।
मेरा ब्लॉग है - http://mktvfilms.blogspot.com
बहुत-बहुत शुक्रिया ।
मार्कण्ड दवे ।
mdave42@gmail.com
जी इंदुपुरी जी ढिंढोरा तो कई दिनों से पीट रहे हैं। पर ... न जाने कहां पर साइलेंट जोन है ... खैर ... आपकी आवाज़ आ गई है और दो सैट सैट कर दिए गए हैं। आप तो बस पद्म सिंह और अपने बारे में मेल पर जानकारी भी भिजवा दीजिए। अपने अन्य परिचितों/साथियों को भी बतला दें। अभी तो 23 घंटे शेष हैं, वरना वे तो आपसे ही शिकायत करेंगे। हा हा हा
जवाब देंहटाएंपुस्तक प्रेमी तो हम भी है...लेकिन दोनो किताबों के लिए धन राशि जुलाई अगस्त में भारत आने पर ही जमा करवा सकते हैं...
जवाब देंहटाएंरवि धवन जी की भी मेल आ गई है क्योंकि दिन में टिप्पणी पोस्ट नहीं हो रही थी :-
जवाब देंहटाएंRespected Sir
Kindly book my copy too.
I will pay for it soon
Regards
Ravi Dhawan
Panipat
Mobile : 9802210057
email : ravi.dhawan1@gmail.com
blog : raviafloat.blogspot.com
मीनाक्षी धनवंतरी जी आपकी राशि मैं जमा करवा रहा हूं। आप तो बस मेल पर अपना विवरण भेज दीजिए।
जवाब देंहटाएंRespected Sir
जवाब देंहटाएंKindly book my copy too.
I will pay for it soon
Regards
Pradeep Beedawat
Pali rajasthan
Mobile : 9983831415
email : ps.beedawat@gmail.com
blog : chetna-ujala.blogspot.com
Respected Sir
जवाब देंहटाएंKindly book my copy too.
Regards
Dhitendra Kumar Sharma
Pali rajasthan
Mobile : 9928081897
email : dhitendra.sharma@gmail.com
blog : pyara-dushman.blogspot.com
रवीन्द्र प्रभात जी ने फोन पर सूचित किया है कि जयकुमार झा, संगीता पुरी और मनोज कुमार पाण्डेय जी ने फोन अपने लिए बुक की बुकिंग करने के लिए कहा है। उनके लिए प्रतियों की बुकिंग स्वीकार कर ली गई है। वे अपना विवरण भिजवा दें। और अपने साथियों को भी बतला दें कि वे भी बुक करवा लें, वरना वे आपसे अवश्य शिकायत करेंगे।
जवाब देंहटाएंबहुत जबर्दस्त और ज़रूरी खबर। ज़रूर भेजेंगे और कैश होने की गारंटी भी है।
जवाब देंहटाएंयह किताब हम इसलिए नहीं मंगा रहे हैं क्योंकि इसमें हम सफ़र का उल्लेख देखने के अभिलाषी हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि इसका अऩूठापन ही इसे मंगाने की बड़ी वजह है।
अविनाश जी की जै हो....
रवीन्द्र प्रभात जी/अविनाश जी,
जवाब देंहटाएंशायद मुझे यह मेसेज मिलते देर हो गयी. अभी ख्बर मिलने पर पेमेंट करने में लगी तो वह भी ना हो सका क्योंकि NEFT payments भी ६.३० तक ही हो सकते है और इस समय तो १२ बजने वाले हैं.
यदि हो सके तो मेरे लिए भी एक पुस्तकों का सेट भिजवाने का कष्ट करें. पैसे कल ओंन लाइन ट्रान्सफर कर दूँगी. और अगर हो सके तो मेरे ब्लॉग details भी सम्मिलित करें.
रचना दीक्षित
http://rachanaravindra.blogspot.com (Blog: रचना रवीन्द्र)
http://shashwatidixit.blogspot.com (Blog: Perception)
email: rachanadixit@gmail.com
अच्छी जानकारी। धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंअविनाश जी, अब मैं क्या करूँ? आप ही बताइए। आप ही के माध्यम से मुझे अभी कुछ देर पूर्व ही ब्लॉगिंग पर पुस्तक प्रकाशन के संबंध में सूचना मिली थी। अब मैं कल ही इस पुस्तक की प्रति बुक करा पाऊँगी क्योंकि मुझे अभी ही इस बारे में सूचना मिली है। यदि संभव हो सके तो मुझे भी ब्लॉगरों की सूची में यथोचित स्थान दीजिएगा। आप दोनों को पुस्तक प्रकाशन की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंअभी समय है 15 अप्रैल 2011 की सांय 6 बजे तक।
जवाब देंहटाएंरचना जी और गायत्री जी आज शाम 6 बजे तक आप इस संबंध में कार्रवाई कर सकती हैं। अपनी जानकारी भी भेज दीजिएगा, पुस्तक में जोड़ भी ली जाएगी।
अपने अन्य साथियों को भी सूचित करना मत भूलिएगा। नहीं तो वे आपसे ही तो शिकायत करेंगे।
हमारा नुक्कड़ ब्लॉग की चर्चित मॉडरेटर गीताश्री ने फोन पर अपनी प्रति बुक करने के लिए कहा है। वे राशि भी आज ही भेज रही हैं। उनकी बुकिंग स्वीकार कर ली गई है।
जवाब देंहटाएंश्री अजित राय ने भी फोन पर अपने लिए प्रति बुकिंग के लिए कह दिया है। वे भी राशि आज ही दे रहे हैं। उनकी बुकिंग स्वीकार ली गई है।
जवाब देंहटाएंसुश्री प्रतिभा कटियार जी के अनुरोध को भी मान लिया गया है और उनके लिए भी प्रति बुक कर दी गई है। वे राशि लखनऊ में रवीन्द्र प्रभात जी को दे देंगी।
मैने चेक भेज दिया है और जानकारी रवीन्द्र प्रभात जी को भेज दी है। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंश्री उमेश चतुर्वेदी ने भी अपने लिए प्रति बुक करवाने के लिए सूचित किया है।
जवाब देंहटाएंअविनाश जी एवं रविन्द्र जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार ,
मैंने आज ही यह मेल देखा तो जाना कि आप हिन्दी ब्लॉगिंग पर पुस्तक प्रकाशित कर रहे हैं । कृपया मेरी भी प्रति बुक कर लीजिए । आज मेरा घर से बाहर निकल पाना असंभव है और कल महावीर जयंती है , संभव है कल की छुट्टी हो । अत: मैं सोमवार को मनीआर्डर करके उसकी सूचना आपको मेल पर दे दूंगी ।मुझे बताएं कि क्या ऎसा चल सकेगा ?
शशि सिंघल
www.meraashiyana.blogspot.com
shashi.asma@gmail.com
सर, मुझे भी शामिल कर लें, चेक या कैश जब चाहें, तब आपके पास.http://vinitutpal.blogspot.com
जवाब देंहटाएंजी शशि जी, आपके लिए प्रति बुक कर दी गई है। आप पोस्ट में दी गई मेल पर विवरण भेज दीजिएगा।
जवाब देंहटाएंविनीत भाई, आपको भी शामिल कर लिया है, मेल पर विवरण भेज दीजिएगा।
और एक अनूठा कार्य तेताला ब्लॉग पर वंदना गुप्ता जी ने आरंभ किया है1 चलिए हम सब मिलकर उनका हौसला बढ़ाएं
:
चिट्ठा नहीं पोस्टों की चर्चा
निर्मला जी की सूचना और धनराशी दोनों प्राप्त हो चुकी है , आप सभी का आभार !
जवाब देंहटाएंआदरणीय अविनाश जी।
जवाब देंहटाएंकृप्या मेरे लिए भी बुक की एक प्रति सुरक्षित कर दें।
मेरा ब्यौरा इस प्रकार है-
Ravinder Punj
Graphics Designer
Yamuna Nagar (Haryana)
Mobile: 097290-93666
Email: rkpunj@gmail.com
Blog : http://rkpunj.blogspot.com/
http://yamunanagarhulchul.blogspot.com/
उपरोक्त में से अगर
जवाब देंहटाएंYamuna Nagar (Haryana)
Mobile: 097290-93666
Email: rkpunj@gmail.com
हटाना चाहें तो हटा सकते हैं।
अग्रिम धन्यवाद।
जी रविन्द्र भाई, आपकी प्रति बुक कर दी गई है। अपने अन्य सभी साथियों को भी बतला दें ताकि वे बाद में आपसे शिकायत न करें।
जवाब देंहटाएंAvinash ji mere liye bhi ek prati book kar dijiye..
जवाब देंहटाएंnamskar sir
जवाब देंहटाएंmera naam Hema dhoulakhandi hai..mai bhi ek blogger hu. (nadanvichar.blogspot.com) mai bhi aapki pustak lena chahti hu. aur mai yah chahati hu ki aapki es pustak me mere naam aur blog ki jagar mere bhaiya ka naam aur blog prakashi ho.agar yah anumati ho to mai unka aage ka vivaran bhej du..
प्रतिभा कुशवाहा जी आपके लिए बुक की बुकिंग कर दी गई है।
जवाब देंहटाएंसुरेश यादव जी ने फोन पर बुकिंग के लिए कहा है, उनके लिए भी बुकिंग कर दी गई है।
हेमा जी आपके अनुमति है, आप विवरण और राशि पोस्ट के अनुसार दिए गए पते और ई मेल पर भिजवा दीजिए।
श्री चंडीदत्त शुक्ल जी का फोन संदेश मिल गया है और उनके लिए पुस्तक की प्रति बुक कर ली गई है।
जवाब देंहटाएंफौजिया रियाज जी के लिए भी बुक की प्रति बुक कर ली गई है। जय हो हिंदी ब्लॉगरों की।
जवाब देंहटाएंsir please mujhe bhi isme shamil karen...
जवाब देंहटाएंname : mukesh kumar sinha
blog : jindagi kee rahen
url: http://www.jindagikeerahen.blogspot.com/
kya monday main deposit kar dun to chalega..
maine ye post abhi padha..:(
मुकेश जी ०५ मिनट की लिबर्टी देते हुए आपको भी शामिल कर लिया गया है !
जवाब देंहटाएंhamne avinash jee aapko phone pe bhi try kiya..apne pick nahi kiya:(
जवाब देंहटाएंoh...dhanyawad!! main monday ko uprokt rashi deposit karke mail kar ke bata dunga...dhanyawad!!
जवाब देंहटाएंरुपये तो दुपहर में ही जमा करवा दिये थे, पर सूचना नहीं दे सका ! अब तो देर हो गयी न ! क्या शामिल हो सकेंगे हम भी ?
जवाब देंहटाएं’यथा योग्यं तथा कुरु’!
रसीद अभी मेल कर दे रहा हूँ ! किताब तो आयेगी न !
हिमांशु जी,
जवाब देंहटाएंआज की तिथि में जिन्होंने भी धनराशी जमा कर दिए होंगे उनका विवरण पुस्तक में अवश्य अंकित किये जायेंगे, मुझे आपका मेल भी प्राप्त हो चुका है और पुष्टि भी हो चुकी है , आपका धन्यवाद !
विनीत जी आपके विवरण को शामिल कर लिया है धनराशि बैंक ऑफ बड़ौदा के उपर्युक्त खाते में जमा करवा दीजिए या हिन्दी साहित्य निकेतन के नाम चैक भिजवा दीजिए। मनीआर्डर भी कर सकते हैं। भेजने के बाद मेल कर अवश्य दीजिएगा।
जवाब देंहटाएंललित शर्मा, संगीता पुरी और अल्पना देशपांडे के नाम प्रतियों की बुकिंग के लिए ब्लॉगप्रसिद्ध मूंछों वाले ब्लॉगर ने सूचित किया गया है, इस तिकड़ी के नाम शामिल करने की सूचना की पुष्टि की जाती है।
जवाब देंहटाएंमेरे लिये दोनों किताबों की बुकिंग कीजिये. पैसा बैंक ऑफ़ बड़ौदा के ज़रिये भिजवा रही हूं.
जवाब देंहटाएंhmmmmmm
जवाब देंहटाएंi guess i am quite late.......:(
जय हो हिन्दी ब्लॉंगिंग की।
जवाब देंहटाएंक्या रिस्पांस है।
पक्का है, आने वाला टाईम इंटरनेट मीडिया का है,
दौर शुरू हो चुका है। सबको अग्रिम बधाई।
email- mkumar.teacher@gmail.com
जवाब देंहटाएंRs. 450/- MO se bhej diya hoon.
Thanks.
ओह… अब तक 142 कमेण्ट्स और भारी बुकिंग…
जवाब देंहटाएंअब तो यह पुस्तक "ध्यान से देखनी" ही पड़ेगी,
फ़िलहाल भारी-भरकम उत्सुकता यह है कि -
1) इस ऐतिहासिक पुस्तक में किस ब्लॉगर का नाम और उल्लेख नहीं है… :)
2) तथा किन-किन ब्लॉगरों का "विशेष" उल्लेख है… :)
इस आश्चर्यजनक इतिहास लेखन की जानकारी अभी मिली... बेताब हूँ इतिहास दृष्टि के अध्ययन के लिए
जवाब देंहटाएं’हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास’ में शामिल होने के लिये भी पैसे पड रहे हैं??? उम्मीद करता हूँ कि मैं गलत पढ रहा हूँ...
जवाब देंहटाएंचलिए, अब आ गया सुरक्षित समय
जवाब देंहटाएंमेरी प्रतियां सुरक्षित कीजिए, कीमत ३० अप्रैल के कार्यक्रम में चुका दी जायेगी
पहले इसलिए नहीं कहा
क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मुझे यह अपराधबोध रहे
कि
मैंने धन दे कर अपना नाम किताब में जुड़वाया है
बैंक लोन के लिए आवेदन किया था , मगर आज तक धनराशि स्वीकृत नहीं हुई ! अविनाश भाई ...
जवाब देंहटाएंअगर आप दोस्त पर भरोसा करते हुए अपनी अंटी ढीली कर सको तो ३० तारीख को पैसा मय ब्याज के पाबला जी से मांग कर चुकता कर दूंगा ! मगर किताब चाहिए ! शुभकामनायें अपने आपको !
Markand Dave ने कहा…
जवाब देंहटाएंआदरणीय श्रीरविन्द्र प्रभातजी,
कृपया मेरा भी एक सेट बुक करें, मैंने आज बैंक में नक़द जमा करवा दिए है और अभी बैंक रिसिप्ट कॉपी के साथ, मेईल भी भेज रहा हूँ ।
वैसे ये बहुत अच्छा प्रयास है,आपको बधाई ।
मेरा ब्लॉग है - http://mktvfilms.blogspot.com
बहुत-बहुत शुक्रिया ।
मार्कण्ड दवे ।
mdave42@gmail.com
April 14, 2011 6:08 PM
@ सतीश सक्सेना जी
जवाब देंहटाएं1. सबसे पहले तो लोन आवेदन के कागजात मेल कर दीजिए।
2. जब बैंक ही भरोसा नही कर रहा है तो .....
3. पाबला जी से मांग कर और मय ब्याज ...
4. यहां अंटी तो है ही नहीं, थैला है, रहस्यमय ...
5. बंटी वाला गाना नहीं सुनाओगे ...
6. किताब पर आपका नाम लिखवा कर अलग रखवा ली है, उसकी रखवाली कौन करेगा ?
और अपना बहुचर्चित कैमरा लाना मत भूलिएगा ...
@ पंकज उपाध्याय जी
जवाब देंहटाएंआप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं
एक इतिहास यह भी बन रहा है
पुस्तक प्रकाशन/लोकार्पण से पूर्व हिंदी पुस्तक की खरीद के लिए बुकिंग हुई। आज जबकि बुकिंग का प्रचलन कम हो गया है। जैसे बजाज स्कूटर, मारूति कार, एमटीएलएल फोन इत्यादि अनादि। हिंदी ब्लॉगिंग हिंदी पुस्तकों की राख होती साख को पुन: कायम कर रही है।
@ पाबला जी
जवाब देंहटाएंअब एक अपराध बोध हमें भी रहेगा कि धन पा लिया और नाम न प्रकाशित कर पाए। बहुत सारे चतुराई से धन दे गए हैं और नाम नहीं दे गए हैं और बाद में देने वाले लगता है, सभी पाबला जी का अनुसरण कर रहे हैं।
जिन्हें पुस्तक प्राप्त हो चुकी हो। सीधे रवीन्द्र प्रभात जी को सूचित करें।
जवाब देंहटाएंरविन्द्र प्रभात जी , दोनों पुस्तकों का 450 भेजा था आपके प्रकाशक ने एक ही भेजी . क्या नाइंसाफी हो गयी क्या या दूसरी मिलेगी . कुश्वंश@जीमेल.कॉम
जवाब देंहटाएंavinash ji donon pustake mil gayee hain :- rajesh sehrawat
जवाब देंहटाएं9899886642
कमाई का अर्थ यहाँ पैसे की बचत से कमाई यानि अ पेनी सेव्ड इज अ पेनी अरंन्ड से है -
जवाब देंहटाएंऔर नाम का आमेलन पुस्तक मूल्य से अधिक नहीं होगा
मेरी अल्प बुद्धि से तो यही मतलब निकलता है !