जी हां
सोच तो यही रहा हूं
नुक्कड़ से हो रही है परेशानी
बढ़ नहीं रही है उनकी कहानी
दीवानी नहीं हो रही है जवानी
विचार यही बन रहा है
सारे ब्लॉग अब कर दूं बंद
फेसबुक पर मिलती हैं टिप्पणियां
और हो रही है खूब कमाई
फिर यहीं पर क्यों
उलझा रहूं भाई
या दूं बेच
बंद करते करते
माल बटोर लूं
या दान ही कर दूं
लोकप्रिय होने के लालची
हिंदी ब्लॉगरों को
बिना किए धरे जो चाहते हैं नाम
रूतबा, पैसा और शब्दों का जादू ।
कितने ही हैं फरियादी
फरियाद उनकी पूरी कर दूं
छोड़ दूं ब्लॉग का जीवन
फेसबुक का जंगल अपना लूं
मैं तो उलझ गया हूं
आप ही निर्णय लेने में मदद करें
वैसे मानूंगा नहीं किसी की
बदनाम हूं इसी बात के लिए
बुराई पसंद आती नहीं है
जान तक लड़ा देता हूं
अच्छाई के लिए।
फिर भी न जाने क्यों
बच जाती है जान
अभी देवताओं के यहां
नहीं खुले हैं ब्लॉग
इसलिए बुलावा नहीं आया है
लेकिन आने वाला है
अन्य लोकों पर भी
हिंदी ब्लॉगिंग का भविष्य
अब स्वर्णिम दिखाई दे रहा है।
आपको यह अजीब अजीब सा
क्या अहसास हो रहा है ?
सोच तो यही रहा हूं
नुक्कड़ से हो रही है परेशानी
बढ़ नहीं रही है उनकी कहानी
दीवानी नहीं हो रही है जवानी
विचार यही बन रहा है
सारे ब्लॉग अब कर दूं बंद
फेसबुक पर मिलती हैं टिप्पणियां
और हो रही है खूब कमाई
फिर यहीं पर क्यों
उलझा रहूं भाई
या दूं बेच
बंद करते करते
माल बटोर लूं
या दान ही कर दूं
लोकप्रिय होने के लालची
हिंदी ब्लॉगरों को
बिना किए धरे जो चाहते हैं नाम
रूतबा, पैसा और शब्दों का जादू ।
कितने ही हैं फरियादी
फरियाद उनकी पूरी कर दूं
छोड़ दूं ब्लॉग का जीवन
फेसबुक का जंगल अपना लूं
मैं तो उलझ गया हूं
आप ही निर्णय लेने में मदद करें
वैसे मानूंगा नहीं किसी की
बदनाम हूं इसी बात के लिए
बुराई पसंद आती नहीं है
जान तक लड़ा देता हूं
अच्छाई के लिए।
फिर भी न जाने क्यों
बच जाती है जान
अभी देवताओं के यहां
नहीं खुले हैं ब्लॉग
इसलिए बुलावा नहीं आया है
लेकिन आने वाला है
अन्य लोकों पर भी
हिंदी ब्लॉगिंग का भविष्य
अब स्वर्णिम दिखाई दे रहा है।
आपको यह अजीब अजीब सा
क्या अहसास हो रहा है ?
bilkul nahin ,har sthan ka apna -apna mahatva hota hae .facebook chehare ka parichay karvata hae or blog shakhsiyat ka . meri nai post par aayen.aabhar.
जवाब देंहटाएंउम्दा ख़याल .
जवाब देंहटाएंपगला गए हो क्या......
जवाब देंहटाएंक्यों इस पीपल को छोड़ रहे हो......
उस पीपल पर भी एक डेरा बना लो...
एक पेज भी क्रियेट कर लो....
पर जो सच्चे भूत हैं न यहीं मिलेंगे
सादर
ब्लॉगिग का तिरस्कार। फेसबुक से अभिसार!
जवाब देंहटाएंबात कुछ हजम नहीं हुई!
घूम-घूमकर देखिए, अपना चर्चा मंच ।
लिंक आपका है यहीं, कोई नहीं प्रपंच।।
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
--
डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"
टनकपुर रोड, खटीमा,
ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड, भारत - 262308.
Phone/Fax: 05943-250207,
Mobiles: 09456383898, 09808136060,
09368499921, 09997996437, 07417619828
Website - http://uchcharan.blogspot.com/
पगला गए हो क्या......
जवाब देंहटाएंक्यों इस पीपल को छोड़ रहे हो......
उस पीपल पर भी एक डेरा बना लो...
एक पेज भी क्रियेट कर लो....
पर जो सच्चे भूत हैं न यहीं मिलेंगे
एक बलागी परेत हमहू है देखो फेसबुकिया परेतो के संग कुसंग कर ल्यो पर छोड के जाने ना देंगे
घर छोटा हो पुराना हो लेकिन उसमे आपका मैँ जिँदा रहता है फेसबुक के संमदर भले विशाल है पानी खारा रहता है
जवाब देंहटाएं