बाबा ने सरकार से पंगा लिया है तो सरकार उनसे जुड़े लोगों को बलात् नंगा करने पर लगी हुई है। सरकार की नीयत खराब हो चुकी है इसलिए उसकी नियति भी सुरक्षित नहीं रह सकती। अगर ऐसा नहीं है तो आपको क्या लग रहा है कि बालकृष्ण, कृष्ण नहीं कंस है ? ... पूरा पढ़ने और प्रतिक्रिया देने के लिए क्लिक कीजिए।
बाल कृष्ण है, बाल कंस नहीं है बालकृष्ण
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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