फीका रहा हंस का रजत जयंती समारोह: "एक तरफ मंच पर नामवर सिंह और राजेन्द्र यादव जैसे धुरंधर मौजूद थे तो दूसरी तरफ दर्शक दीर्घा में साहित्य, संस्कृति और पत्रकारिता के एक से बढ़कर एक दिग्गज मौजूद थे. मौका हंस के रजत जयंती समारोह का था. बड़ी हसरत लिए लोग दिल्ली स्थित ग़ालिब इंस्टीटयूट के 'एवाने ग़ालिब' में नामवर सिंह और राजेन्द्र यादव जैसे साहित्यिक दिग्गजों को सुनने आये थे.
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फीका रहा हंस का रजत जयंती समारोह
Posted on by पुष्कर पुष्प in
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'देखने हम भी गए ,पै तमाशा न हुआ ' चलो आप हो आए,हम भी तर गए !
जवाब देंहटाएंचीनी तलाशने गए थे
जवाब देंहटाएंतभी तो फीकेपन का
हुआ अहसास
अपने साथ ले जाते
मिठास दो गिलास।
चलो अच्छा हुआ कि मैं न गया (जैसे पहले तो रोज़ ही चला रहता हूं न :))... वर्ना कुछ miss करने का अफ़सोस होता..
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