पद्मनाभ मंदिर में मिले धन का असली वारिस हूं मैं

मैं यहां भी कमल मंदिर, कालका मंदिर, शिव मंदिर और इस्‍कान मंदिर से घिरी हुई बस्‍ती में रह रहा हूं। पर मन मेरा ठंडा बस्‍ता है, जो अभी तक नहीं भरा था। पर अब जब मालूम चला है तो वो भरने को बेताब है। पद्मनाभ मंदिर का धन भी गिलगिला रहा होगा, उसे जरूर गिला रहा होगा कि चार मंदिरों से घिरे वासी के पास जाने में ही भलाई है और संत के लिए मलाई है। जी हां, जो संत नगर में रहे वो संत, जो धन का दावा करे वो सच्‍चा संत। तो संत नगर के निवासियों में से सिर्फ एक अकेला मैं ही अपना दावा कर रहा हूं और उस धन का मन भी मुझसे मिलमिलाने का कर रहा है।  पर मिलने तो दे कोई, सुरक्षा के नाम पर कमांडो तैनात कर दिए हैं। पर देख लेना जल्‍दी ही एक दिन वो धन जरूर मेरे पास चला आएगा और खूब खिलखिलाएगा। जिससे आपकी बत्‍तीसी भी बंद हो जाएगी। उस धन ने तो बाहर आना ही था, जो अंधेरे में मुंह छिपाते हैं, वे जरूर ही भीतर ही भीतर ... पूरा पढ़ने और टिप्‍पणी देने के लिए क्लिक कीजिए। टिप्‍पणीदाता को भी धन में साझीदार बनाने की योजना है
 
Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz