आइए,मीडिया नकाबपोशों के आगे आज सवाल बनकर खड़े हों: "आज शाम तीन बजे 'भ्रष्टाचार का मुद्दा और मीडिया की भूमिका' पर बात करने के लिए मीडिया इन्डस्ट्री के जीलेट-पॉमोलिव से सजे-संवरे चेहरे कॉन्सटीच्यूशन क्लब,नई दिल्ली में जुटनेवाले हैं। पुरुष वर्चस्व का नमूना पेश करने के लिहाज से इस परिचर्चा में एक भी महिला पत्रकार वक्ता के तौर पर नहीं होगी और न ही कोई दलित पत्रकार अपनी बात रखेंगे। ठाकुर-ब्राह्मण पत्रकारों की जमात मीडिया और भ्रष्टाचार के मसले पर अपनी बात रखेंगे। ये एक तरह से अच्छा ही है कि बरखा दत्त जैसी एक-दो महिला पत्रकारों को छोड़ दें तो जब महिला पत्रकारों ने मीडिया को भ्रष्ट किया ही नहीं है तो उसे दूर करने के लिए सिर क्यों खपाए और एक भी दलित पत्रकार ने इसके दामन को दागदार नहीं किया है तो फिर इस पर पंचायती करने के लिए क्यों बुलाया जाए? इस मीडिया को अगर ब्राह्मण-ठाकुरों ने भ्रष्ट और दलाली के अड्डे के तौर पर तब्दील कर दिया है तो बेहतर है कि फिलहाल वही इसकी संड़ाध को खत्म करने के तरीके के बारे में बात करे।
- Sent using Google Toolbar"
आइए,मीडिया नकाबपोशों के आगे आज सवाल बनकर खड़े हों
Posted on by पुष्कर पुष्प in
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
आपके आने के लिए धन्यवाद
लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद