पा, पापा, डैड नहीं पिताजी कहिए

पिताजी के सिर में चोट लगी थी। अंदर खून का रिसाव नहीं हुआ था। मुझे शायद दूसरे या तीसरे दिन अस्‍पताल में पिताजी के पास ले जाया गया। उनके सिर के दो ऑपरेशन हो चुके थे। परंतु उनकी स्थिति यथावत बनी रही। वे अर्धचेतन अवस्‍था में ही किसी को किसी के नाम से पुकारते रहे।
मम्‍मी को वे बार बार पुकारते थे। मैं सामने पहुंचा तो बोले तेताला ... पूरा पढ़ने के लिए क्लिक कीजिए
 
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