खाता खतरे में
खाता जो फेसबुक है
नापसंद का बटन
सक्रिय करने के चक्कर में
फेसबुक को खतरे में
डाल दिया है।
अपने लगभग 3000 मित्रों से
अब नाता टूट रहा है
क्या यह किसी अशुभ का संकेत है
या कुछ शुभ होने वाला है।
मुन्नाभाई बना था एक दिन
फिर बना अन्नाभाई
अब लगता है
सिर्फ अविनाश वाचस्पति
ही रहेगा।
वैसे मेरा मानना है
जो होता है
सदा अच्छे के लिए होता है
मेरा न सही
किसी का तो अच्छा होगा ही
यह भी मुझे खुशी देता है।
मुझे दुख देना भगवान
यदि मुझे मिले दुख से
मिलता है किसी को सुख
तो मुझे अवश्य देना दुख।
नई नहीं हैं
पुरानी हैं पंक्तियां
पर सनातन हैं
मेरे संदर्भ में।
अगर मारा गया
जाल में फंस गया
तो दोबारा नहीं बनाऊंगा
फेसबुक पर नहीं फिर
मैं आऊंगा।
मुझे मेरे ब्लॉग पर
करते रहना संपर्क
भेजते रहना ई मेल
nukkadh@gmail.com पर
पहले avinashvachaspati@gmail.com
मेल का खाता
लबालब हुआ।
अब उससे ई मेल न जा पाती है
आ भी नहीं पाती
इसलिए ई पाती भेजें
nukkadh@gmail.com पर।
दिख तो रहे हैं आप फेस बुक पर...
जवाब देंहटाएंहम नाहक ही खुश हो लिए... :)
अविनाश जी, यह महज एक चेतावनी है.. कुछ नहीं होगा आपके फेसबुक अकाउंट को..
जवाब देंहटाएंकिसी भी संदिग्ध लिंक को क्लिक करने से पहले थोड़े सचेत रहें। यह गलत इरादे से लिखी गई कोई स्क्रिप्ट भी हो सकती है। पोस्ट में लगे स्क्रीनशॉट को देखकर साफ पता चल रहा है कि आपने ऐसे लिंक को क्लिक किया है, जो किसी जावास्क्रिप्ट से संबंधित है। थोड़ा सा ध्यान रखें।
हैपी ब्लॉगिंग
अरे हमारे होते हुए आपके लिंक को क्या होगा हम हैं न ? :) पर जिस अंदाज से पाती भेजी है बहुत खुबसूरत अंदाज़ लगा |
जवाब देंहटाएंउड़नतश्तरी वाले भाई
जवाब देंहटाएंउड़ गई खुशी
जो मिलने वाली थी
आपने नाहक लिखा
इसलिए हक ना मिला।
आशीष जी
बहुत कुछ सीख लिया
फेसबुक ने बचाया
आपने सही अर्थ समझाया
थोड़ा नहीं, रखूंगा
मैं पूरा ध्यान ही।
मीनाक्षी जी
आपको पाती का अंदाज भाया
आपकी हिम्मत ने हौसला बढ़ाया।
jai ho gurudev , ham aapke saath hai .. jaha jaayenge , ham bhi aa jaayenge
जवाब देंहटाएंarey aise kaise aap akele jaoge ...hum to vo chipaku hai ..jo aapko akele chodenge hi nahi :)
जवाब देंहटाएंAp hamesha "lage raho munna bhai" bane rahen.. apka koi kuch nahi bigar sakta....
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