ब्‍लॉगिंग पर अंकुश, सरकार रहे निरंकुश

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • सरकार बिना बीमारी के सिर्फ अंदेशे के बूते ही चिकित्‍सा करने को तैयार हो गई है। पोस्‍टों और टिप्‍पणियों में हम चाहे कितना ही शोर मचा लें, आपस में एक दूसरे के सिर फोड़ डालें, बिना किसी बात के एक दूसरे की टांगे खींचने या गला भींचने पर उतारू हो जायें। जरूरत न पड़ने पर भी टांग तोड़ डालने पर तैयार हो जाएं और शब्‍दों में घमासान ऐसा मचा दें कि विश्‍वयुद्ध का सा आभास होने लगे। तेरी टिप्‍पणियां मेरी पोस्‍ट मिलकर खूब गजब ढाएंगी, पर रेल पटरियों पर जाकर कब्‍जा करना जाटों के बस का ही करना जाटों के बस का ही  ....  हालात की संपूर्ण जानकारी के लिए सिर्फ अपने माउस को कष्‍ट दीजिए
     
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