कुछ कुछ ऐसा आभास मिल रहा है कि प्रिंट मीडिया वालों की होली के हंगामे के दौरान एक गुप्त बैठक जारी है जिसमें उन हिन्दी ब्लॉगरों को कम से कम एक हजार रुपये प्रति पोस्ट और अधिक से अधिक पांच हजार रूपये हैं, पारिश्रमिक दिए जाने पर फैसला लिया जाना है, जिनकी पोस्टों को रचना का रूप देकर प्रकाशित किया जाता है, शब्दों पर गौर कीजिएगा .... विस्तार से विवरण बैठक संपन्न होने पर। बैठक आज ही संपन्न होगी उसमें उन्हीं हिन्दी ब्लॉगों को लिया जाएगा जो 31 मार्च 2011 तक बना लिए गए होंगे।
मुझे यह पांच हजार रुपये वाली सीमा बिल्कुल पसंद नहीं है।
जिन लोगों को ब्लॉग बनाने में मदद चाहिये हो वो हिन्दी ब्लॉगरों से बेझिझक संपर्क करें।
मुझे यह पांच हजार रुपये वाली सीमा बिल्कुल पसंद नहीं है।
जिन लोगों को ब्लॉग बनाने में मदद चाहिये हो वो हिन्दी ब्लॉगरों से बेझिझक संपर्क करें।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंजै हो! अब तो ब्लागराँ री पौ-बारा छे।
जवाब देंहटाएंअब तो ठंडाई छणवा द्यो।
बस अभी तो शब्दो पर ही गौर कर रहे हैं।
जवाब देंहटाएंआज सोचा कि क्या किया जाए दिन का पहला काम
जवाब देंहटाएंतब दिलो दिमाग की सतह पर उभरा आपका नाम
आपको होली की शुभकामनाएँ
प्रहलाद की भावना अपनाएँ
एक मालिक के गुण गाएँ
उसी को अपना शीश नवाएँ
आपको होली की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंआपकी मेरे ब्लॉग पर टिपण्णी ने मन को किया प्रसन्न
जवाब देंहटाएंआखिर क्यूँ न खींचता अपनों का अपनापन
होली के शुभावसर पर रंग जाये तन और मन.
मेरे ब्लॉग पर आपके आने का करता हूँ मै नमन
कृपया आते रहिये ,यूँ ही सुंदर कविता से मन को बहलाते रहिये .