अनिल अत्री
सुख में सुमिरन ना कीन्हा दुःख में कीन्हा याद
तह कबीर कोन सूने फरियाद
कहते हैं जब संकट आता है तो भगवान भी याद आते है ....ऐसा ही कुछ नजर आया आज बाहरी दिल्ली के रोहिणी मैं ....दिल्ली के PWD मंत्री राजकुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे ..मंत्रालय तक छीने जाने कि बात आई ..तो हो गया मनतों का दौर ....आज मंत्री साहब ने रोहिणी के दीपाली चौक पर काली माँ के मन्दिर मै PWD मंत्री ने ग्यारह लाख का सोने का मुकूट चडाया ... यहाँ हर साल मेला लगता है पूजा होती है पर पहले यहाँ मंत्री ने मुकूट नही चडाया इसी टाइम ये मुकूट चडाया ...अब मंत्री साहब कह रहे है कि मुकूट भक्तों का है समिति का है वे तो सिर्फ माता को मुकूट चडाने आये है और खुद को मुकूट चडाकर भाग्यशाली मान रहे है ...लेकिन प्रश्न ये उठता है कि यदि मुकूट भक्तों का था तो राजकुमार को ही क्यों चुना किसी भक्त ने मुकूट क्यों नही चडाया ..मुकुट चडाते वक्त इका दुक्का समिति के लोग यदि समिति का था तो आधी समिति तो मोके पर होनी थी ..पूरी छोडिये .राजकुमार ने चडाया तो साफ है कि मुकूट राजकुमार ने ही बनवाया होगा ...और कोई मन्नत पूरी हुई है जिसके कारण ये मुकूट दरबार मै आया ..राजकुमार कि मन्नत क्या हो सकती ये बात जगजाहिर है ...
अनिल अत्री
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सुख में सुमिरन ना कीन्हा दुःख में कीन्हा याद
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जय माँ काली भद्राकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वहा स्वधा नमोस्तुते
जवाब देंहटाएंआपको होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ........ शास्त्री जी आपको भी होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
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