23 सितंबर से शिमला की गुलाबी ठंड के बीच बुद्धिजीवी समाज के बीच गर्माहट पैदा करने का दौर शुरु हो गया है। हिन्दी की आधुनिकताःएक पुनर्विचार पर विमर्श करने के लिए देशभर के बुद्धिजीवियों का जुटान यहां के शिमला उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला (Indian Institute of Advance Studies,Shimla) में हुआ है। सात दिनों तक चलनेवाले इस विमर्श में ये लोग अपनी-अपनी विशेषज्ञता और लेखन अभिरुचि के अनुसार हिन्दी,आधुनिकता,भाषा,अस्मिता और इनसे जुड़े सवालों पर अपनी बात रखेंगे। दिलचस्प है कि यहां वक्ताओं को अपनी बात रखने के लिए जहां 40 मिनट का समय दिया गया है,करीब उतना ही समय और उससे कहीं ज्यादा उनकी बातों से उठनेवाले सवालों और असहमतियों पर बहस करने के लिए श्रोताओं को भी समय दिया जा रहा है इसलिए सुननेवालों के बीच उम्मीद है कि वो दिल्ली की तरह पैसिव ऑडिएंस नहीं होंगे और उनकी भी सक्रियता लगातार बनी रहेगी। विस्तृत रिपोर्ट के लिए यहाँ क्लिक करे। पूरी रिपोर्ट .....
हिन्दी की आधुनिकताःएक पुनर्विचार विषय पर शिमला में शुरू हुआ वर्कशॉप
Posted on by पुष्कर पुष्प in
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हिन्दी
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ऐसे वर्कशाप हर जगह होने चाहिये ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लगा आप का यह वर्कशाप.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
वहां कोई ब्लागर भी है ?
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