जो आदिवासी अंचलों में
है मनाया जाता
झाबुआ में आदिवासी इलाकों
में आदिवासियों का बहुत
बड़ा है त्योहार
जिसे जानती है सारी दुनिया
ख्याति है जिसकी बहुत
पर लगता है आप ...
अब तो जान गए हैं।
देश विदेश के लोग
भगोरिया का माहौल
देखने चले आते हैं।
इसके आदिवासी लोकनृत्य
पारंपरिक वेशभूषा, अनोखा अंदाज ...
बस माहौल देखते ही बनता है ...
भगोरिया का आलम ये है कि
परीक्षा में आदिवासी बच्चे
परीक्षा न देकर मेले में
जाना करते हैं पसंद
और चाहते हैं उनके मां बाप
भी यही और भगोरिया 4 मार्च
हो रहा है शुरू
जान गए अब आप गुरू
4 मार्च कल है ।
हु
मानना ही पड़ेगा कप्तान साहब
जवाब देंहटाएंआप तो सचमुच में ही अब
हो गए कप्तान
अपने नए और अनूठे विचारों को
कार्टून से बाहर निकल कर आपने
दिया है हर नुक्कड़ पर तान
जिनकी सुमधुर है तान।
यह भी देखिये आदिवासियों का वेलेंटाइन डे भगोरिया
जवाब देंहटाएंमनीषा
हां कुछ-कुछ सुना था इस बारे में ।आपने जिस तरह से बताया कि अब हमें भी यह मेला देखने की इच्छा जागृत हुई है । कप्तान जी अच्छी जानकारी ।
जवाब देंहटाएंभागोरिया के त्योहार के उपर जो लिखा है बढ़िया है इससे पहले इस त्योहार के बारे में जानकारी नही थी आपके माध्यम से जाना इसलिए आपको धन्यवाद । इसी तरह जानकारी दीजिए
जवाब देंहटाएंबहुत ही विनम्रता के साथ एक गुस्ताखी की इजाज़त चाहिए । आदिवासियों का यह प्रणय पर्व भगोरिया है ना कि भागोरिया । दूसरी बात - अब नई उम्र ,नई पीढी भगोरिया हाट में नहीं जाना चाहते अपना जीवन साथी चुनने के लिए ।
जवाब देंहटाएंसरिता जी
जवाब देंहटाएंयह गुस्ताखी नहीं बेबाकी है
और आज इसी की दरकार है
जो हुई साकार है
शब्द दुरुस्त कर दिया है
इजाजत नहीं, हक है आपका
क्योंकि हम हैं आपके और
आप हैं हमारे।
बहुत सुंदर जानकारी .... सुंदर शब्दों में।
जवाब देंहटाएंआभार जानकारी के लिए.
जवाब देंहटाएंजानकारी का धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंsareetha ji aap ko batana chahunga ki bhagoriya ki dhum aaj bhi utni hi he... bas thodi adhunikta aane lagi he....
जवाब देंहटाएंaap bhagoriya me aayeiye aur dekhiye.... us k baad likhiye...