बढ़े रेट पेट्रोल के, नीलकंठ पी जाँय ।

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  • बढ़े रेट पेट्रोल के, नीलकंठ पी जाँय ।
    निगल-उगल सकते नहीं, सारा बदन तपाय ।।

    अभिसार ने अपने ब्लॉग पर टिप्पणी के लिए आमंत्रित किया  ।
    उन के बनाये चित्र और उनके परिचय सहित मेरी टिप्पणी --

    7 टिप्‍पणियां:

    1. घर पर पूछ कर आए हो.... कि नुक्‍कड़ पर शरारतें करने जा रहा हूं...

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    2. पेट्रोल के बढे भावों पर तमाचा जडती पंक्तियां! अति सुन्दर!

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    3. Very nice post.....
      Aabhar!
      Mere blog pr padhare.

      जवाब देंहटाएं
    4. क्या बात है...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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