आपके अपने हिंदी ब्लॉगर 'रविकर' दिल्ली में अन्नाबाबा से मिले : संतोष धन पायो जी
Posted on by नुक्कड़ in
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अविनाश वाचस्पति अन्नाबाबा,
कर,
रविकर चर्चामंच,
संतोष
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जय हो अन्नाभाई की
जवाब देंहटाएंकॉफ़ी पिलाई मलाई की
दूर रहो बीमारी से
ब्लौगिंग रहे भलाई की :-)
टिप्पणी भी मलाई है
हटाएंमत समझो रजाई है
दारू का विज्ञापन किया और कॉफ़ी पिला के टाल दिया ???
जवाब देंहटाएंविज्ञापन में तो कुडि़यां भी वेखन नूं मिलदीं हैं
हटाएंभाई दिल्ली में थे, तो हमें भी बता देते....
जवाब देंहटाएंथे होंगे तो बतला भी देंगे
हटाएंअभी तो दिल्ली में ही हैं
कुतुबमीनार या लालकिला
उठाकर दिखलाने जा रहे हो
कार्टूनकारों की ही बनी हुई है हवा।
जवाब देंहटाएंब्लॉगिंग
जवाब देंहटाएंका भला
करो
बुरे को
घूरे से
भर दो
सभी ब्लागरों के लिये संक्षिप्त मगर अनुसरणीय परामर्ष। आभार!
कॉफी-बिस्कुट के लिए,अन्ना का आभार |
जवाब देंहटाएंमजेदार लेकिन लगा, आप सभी का प्यार ||
अच्छाइयों को सच्चाइयों का दर्पण करलो । बहुत सच कहा है ।
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