आज हम सभी काले धन की बात करते है.चाहे फिर वो राजनेता हो संत हो या जनसामान्य, सभी इस बारे में अपनी राय व्यक्त करते है. कुछ इसे देश की तरक्की में सबसे बड़ी बाधा मानते हैं. तो कुछ इसे देश को पूर्ण विकसित और आत्मनिर्भर बनने का जरिया भी मानते है.आखिर यह काला धन है क्या बला? कालेधन से आशय विदेशी बैंकों में जमा किया हुआ देशी धन या धनी लोगों द्वारा कमाया ऐसा धन जिसे वो अपनी आय में शामिल नहीं करते.क्यूंकि उसे शामिल करने पर उन्हें आयकर ज़्यादा जमा करना पड़ेगा. इस तरह वे देश के विकास में उपयोग होने वाली राशि को बढ़ाने की बजाय उसे कम कर देते है इसके लिए वे धन छिपाने का हर उपाय करने को तैयार रहते है.इस तरह देश की विकास की गति को बढ़ाने के प्रयास पूर्ण नहीं हो पाते. हमारे नेता, फिल्मस्टार,खिलाडी, बिजनेसमैन सभी अपने धन को केवल अपने विकास में लगाना चाहते है. आज इस सन्दर्भ में जो एक बड़ा नाम सुर्खियाँ बना हुआ है वो है सूरत का व्यापारी हसन अली जिसने करोड़ों रूपए के आयकर की चोरी की है और कालेधन की कमाई का बादशाह माना जाता है.
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