नियम बनते हैं यम
यदि ठीक से न समझे जाएं
और काबू में आते हैं हम
चाहे कितने ही होशियार कहलाएं
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और उपाय सिद्ध करें
शुभ लाभ के।
सबको बतलाएं
इस लिंक को
उन तक भी पहुंचाएं
जिनका आप चाहते हैं भला
वे भारत में हैं
तो सबका होना चाहिए
भारत भला।
जी हां , रविवार 17 जुलाई 2011 को दैनिक हिन्दुस्तान के बचत पन्ने पर प्रकाशित श्री विनय कुमार मिश्र के लेख पांच लाख तक रिटर्न न दाखिल करने के पेंच खोले गए हैं। आप भी देखिए कितने पेंच हैं और अपनी रिटर्न अवश्य भरिएगा। नहीं तो नुकसान की जगह होगा फायदा। अर्र ......... र्र .......... र्र ................. फायदे की जगह नुकसान। पहचान लीजिए जो बतला रहे हैं विनय कुमार जी।
जन जन और ब्लॉगहित में दैनिक हिन्दुस्तान से साभार।
उपयोगी जानकारी। वैसे हमारी तो कोई एफडी है नहीं, न ही बचत खाते में इतना पैसा कि सालाना दस हजार ब्याज बने। पर सभी के पढ़ने योग्य जानकारी है यह, इसे प्रकाशित करने के लिए धन्यवाद ।
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