“ज़ख्म फूलों ने दिए ..!!, जिंदगी एक खामोश सफ़र, एवं एक प्रयास ब्लॉग
की स्वामिनी गृहणी श्रीमती वंदना गुप्ता से विगत रविवार 03.07.2011 को
ब्लागोत्सव के लिए विशेष भेंट श्रोताओं से साझा कर रहा हूँ
गिरीश बिल्लोरे मुकुल
http://www.parikalpna.com/?p=4959#comment-786
यह सीधी बात बहुत बढ़िया रही!
जवाब देंहटाएंआपको और वन्दना जी को बधाई!