बगीची ब्‍लॉग पर एक नये इस्‍टाइल की चर्चा : इसमें भी खर्चना सिर्फ दिमाग ही है जितना खर्च करोगे उतना होगा तेज

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • बगीची का बनना
    बनाना
    उसमें बनाना का आना
    बगीची में फूलों का मुस्‍काना
    पौधों का अंकुरित होना
    फिर गति पाना
    खुद में सिमटना
    फिर खिलखिलाना
    अंकुर बनता है पौधा
    और फिर पेड़
    देता ही देता है
    बगीची का हर सितारा
    चमक दमक और
    जीने की एक ललक
    चाहे धूप हो घनी
    फिर भी छांव बनी
    शीतल
    मासूम
    जी हां
    आए हैं
    चर्चा करने
    बगीची में उलीचने
    विचारों का नेह
    एस एम मासूम
    तो रहें न गुम
    न हों सुम
    यहां चटकाएं
    बगीची पर पहुंचें
    और बतलायें
    कैसी लगी
    क्‍या चाहतें हैं
    और क्‍या अरमान
    सभी को अपना मान

     
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