यह कैसी महाशक्ति है?: "कुछ दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक बयान जारी कर कहा था, दुनिया के मुल्कों को भारत से शांति की शिक्षा लेनी चाहिए। ओबामा का मानना है कि यदि दक्षिण एशिया में भारत जैसा समझदार और शांतिप्रिय देश नहीं होता, तो यहां के हालात बद्तर हो सकते थे। ओबामा के इस कूटनीतिक बयान को भारत ने सकारात्मक रूप से लिया है। लेकिन क्या शांतिप्रिय बने रहना हमारे देश के लिए हमेशा फायदेमंद रहेगा? शायद नहीं।
अमेरिका जैसा देश अपने फायदे के लिए गधे को भी बाप मानने वालों में से है। यह वही देश है, जिसने ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादियों को तैयार किया था, जो बाद में उसके लिए ही भस्मासुर साबित हुआ था। अब जबकि ओसामा का किस्सा ही खत्म हो चुका है, तब अमेरिका ने पाकिस्तान को यह समझाना शुरू कर दिया है कि वह भारत से दोस्ती बढ़ाए। उधर पाकिस्तान ने अपनी नीतियों में बदलाव करते हुए अपनी निष्ठा को चीन की तरफ दंडवत कर दिया है।
- Sent using Google Toolbar"
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
हमारे यहाँ तो वैसे ही राजनीति में "बिजूके "(क्रो स्केयर बार )बहुत हैं .सेक्युलर अ -शान्ति हमें खा चुकी है .
जवाब देंहटाएं