भारतीय समाज का यह अजीब सच है। कल, रविवार 24 अप्रैल, 2011 की सुबह 07बजकर 40मिनट पर कर्नाटक के पुट्टपर्णी में हर प्रकार से सेवित परमपूज्य सत्य साईं बाबा ने शरीर त्यागा और इधर, उनके ठीक 18 घंटे बाद, रात 01बजकर 40मिनट पर उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में ब्लड कैंसर से पीड़ित डाक-कर्मी कालीचरण प्रेमी अपने विभाग से अनुमोदित होकर आने वाली मेडिकल सहायता राशि की फाइल का इन्तजार करते-करते स्वर्ग सिधार गये। गाजियाबाद में हिण्डन नदी के तटवर्ती मोक्षधाम श्मशान घाट में आज 25 अप्रैल, 2011 को सुबह लगभग 11बजे अग्नि को समर्पित उनका शरीर पंचतत्त्व में विलीन हो गया। उनकी अन्तिम यात्रा में नगर के अनेक डाक-कर्मियों के अलावा सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ॰ कुँअर बेचैन, वरिष्ठ उपन्यासकार राकेश भारती, व्यंग्यकार सुभाष चन्दर, कथा-सागर के संपादक सुरंजन, कथाकार ओमप्रकाश कश्यप, महेश सक्सेना, सुरेन्द्र अरोड़ा, सुरेन्द्र गुप्ता, बलराम अग्रवाल आदि अनेक लेखक व पत्रकार शामिल थे। रुड़की से ‘अविराम’ के संपादक उमेश महादोषी, इन्दौर से उपन्यासकार नन्दलाल भारती व कथाकार सुरेश शर्मा, दिल्ली से लघुकथा डॉट कॉम के सम्पादक व वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर काम्बोज हिमांशु, ‘नुक्कड़’ व अनेक हिंदी ब्लॉग्स के सम्पादक अविनाश वाचस्पति, ‘सेतु साहित्य’ के सम्पादक सुभाष नीरव व अनेक साहित्यकारों ने कालीचरण प्रेमी के देहांत पर शोक जताया है तथा अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए हैं। ईश्वर श्री कालीचरण प्रेमी की पवित्र आत्मा को शांति प्रदान करे व शोक-संतप्त परिवार को यह वज्रपात सहने की शक्ति प्रदान करे।
साथीगण : बलराम अग्रवाल, सुभाष नीरव, रामेश्वर काम्बोज हिमांशु, ओमप्रकाश कश्यप, सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा, सुभाष चन्दर, महेश सक्सेना, अविनाश वाचस्पति, सुरेश यादव, नन्दलाल भारती, सुरेश शर्मा, एवं अन्य साहित्यिक मित्र
भगवान श्री कालीचरण प्रेमी की पवित्र आत्मा को शांति प्रदान करे
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि !
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंBhagwan shanti pradan kare
जवाब देंहटाएंईश्वर श्री कालीचरण प्रेमी की पवित्र आत्मा को शांति प्रदान करे
जवाब देंहटाएंभगवान श्री कालीचरण प्रेमी की पवित्र आत्मा को शांति प्रदान करे
जवाब देंहटाएंsaadar pranam !
जवाब देंहटाएंaakhiar kaar samvedan hintaa me ek aur rachnakrami dev lokgaamn kar gayaa , padh kar bahut dukh hua , haalaki puny aataama se mera koi sampark nahi thaa magar ek aadrishy zudaav ho gaya pichli ek posting padh ,kise dosh de hum apne bhagya ko yaa apni samdedanhintaa ko .kahan bahut kuch chataa hoo ,magar sirf shradha suman arpit kar saktaa hoo ishwar punay aatama ko shanti pradan kare .
saadar
विनम्र श्रद्धाँजली। भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे।
जवाब देंहटाएं