सुबह हो चुकी है,दिल्ली जाने वाली सवारियाँ चल पड़ी है। मित्रों से मिलने की खूशी में रात नींद कम ही आई। मिलते हैं कल सुबह दिल्ली में। जहाँ सजेगी महफ़िल दीवानों की, दिलवालों की। हम भी दिल ही लाए हैं आपके लिए। नकली नहीं, असली धड़कता हुआ दिल। जरा कान लगाएगें तो स्पंदन सुनाई देगा।
दिल्ली जाने वाली सवारियाँ चल पड़ी है---ललित शर्मा
Posted on by ब्लॉ.ललित शर्मा in
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30 अप्रेल,
दिल्ली,
नुक्कड़,
परि्कल्पना,
ब्लॉगर मित्र
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बिल्कुल मिलेंगे !!
जवाब देंहटाएंहम तो पहुँच भी चुके फरीदाबाद।
जवाब देंहटाएंस्वागत है दिल्ली मे
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