(उपदेश सक्सेना)
लो जी, सरकार ने अपने को बचाए रखने का रास्ता भी खोज लिया. अपने पाप छुपाने के लिए दूसरों का मुंह बंद करने की रवायत हमारी सनातन संस्कृति का हिस्सा है. देशभर में घोटालों की सुनामी सी आई हुई है, हर दिन नया घोटाला, सचमुच हम विकासशील से विकसित हो गए हैं. गोस्वामी तुलसीदास ने जब हनुमान चालीसा की रचना की थी तो इसमें भी जिक्र है कि-
राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसा रे...
यानी बिना लेन-देन के कोई काम नहीं हो सकता. वाह क्या दूरद्रष्टि थी महाकवि की.एक जमाने में पीवी नरसिंहराव ने बतौर प्रधानमंत्री अपनी सत्ता बचाने के लिए एक करोड रूपये शेयर दलाल हर्षद मेहता को दिए थे......पूरा पड़ने के लिए क्लिक करें http://www.aidichoti.co.in/
लो जी, सरकार ने अपने को बचाए रखने का रास्ता भी खोज लिया. अपने पाप छुपाने के लिए दूसरों का मुंह बंद करने की रवायत हमारी सनातन संस्कृति का हिस्सा है. देशभर में घोटालों की सुनामी सी आई हुई है, हर दिन नया घोटाला, सचमुच हम विकासशील से विकसित हो गए हैं. गोस्वामी तुलसीदास ने जब हनुमान चालीसा की रचना की थी तो इसमें भी जिक्र है कि-
राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसा रे...
यानी बिना लेन-देन के कोई काम नहीं हो सकता. वाह क्या दूरद्रष्टि थी महाकवि की.एक जमाने में पीवी नरसिंहराव ने बतौर प्रधानमंत्री अपनी सत्ता बचाने के लिए एक करोड रूपये शेयर दलाल हर्षद मेहता को दिए थे......पूरा पड़ने के लिए क्लिक करें http://www.aidichoti.co.in/
अगर पूरा लेख यहीं मिल जाता तो शायद बेहतर होता.... :)
जवाब देंहटाएंjetna be ha acha ha,visit my blog plz
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पद्मसिंह जी की बात से सहमत हूँ!
जवाब देंहटाएंटिप्पणी यहाँ और आलेख वहाँ!