1.सामूहिक ब्लॉग किसे माना जाए ?
2.सामूहिक ब्लॉग में कम से कम कितने लेखक होने चाहिए ?
3.सामूहिक ब्लॉग के पाठकों के विषय में भी कोई नियम हैं ?
4.एक सामूहिक ब्लॉग को एक ही विषय पर कार्य करना चाहिए क्या ?
5.सामूहिक ब्लॉग के लिए एग्रीगेटर की जरूरत होती है क्या ?
6.सामूहिक ब्लॉग के कम से कम कितने फॉलोअर्स होने चाहिए ?
7.सामूहिक ब्लॉग एक दिन में कितनी पोस्ट प्रकाशित कर सकते हैं ?
8.सामूहिक ब्लॉग बिना चित्रों के पोस्ट क्यों नहीं प्रकाशित कर सकते हैं ?
9.सामूहिक ब्लॉग को सामूहिक ब्लॉग क्यों कहा जाता है ?
10.सामूहिक ब्लॉग में पुरुष महिला ब्लॉगरों का प्रतिशत कितना होना चाहिए ?
11.सामूहिक ब्लॉग पर कम से कम कितनी टिप्पणियां प्रकाशित होनी आवश्यक होती हैं ?
12.सामूहिक ब्लॉग के क्या उद्देश्य होते हैं ?
13.सामूहिक ब्लॉग की अनिवार्यता पर कम से कम 100 शब्दों में उपयोगिता बतलायें ?
14. स्त्रियों का सर्वाधिक शक्तिशाली सामूहिक ब्लॉग कौन सा है और क्यों ?
और अंत में
1. आप नुक्कड़ को सामूहिक ब्लॉग क्यों मानते हैं ?
2. अपने उत्तर टिप्पणी में सिर्फ 5 शब्दों में दें
सर्वमान्य उत्तर को पुरस्कृत किया जाएगा।
जो कम से कम 15 से 25 सर्वाधिक सक्रिय सामूहिक ब्लॉगों के नाम और यूआरएल बतलायेंगे
उन्हें विशेष वरीयता दी जाएगी ।
संगठन में शक्ति है, को हिन्दी ब्लॉग के संबंध में परिभाषित कीजिए। जबकि एक ब्लॉग अकेला ही भाड़ फोड़ सकता है।
i am waiting for answer...!~
जवाब देंहटाएंI will do the same after few TIPPANIes !
पेपर स्लेबस से बाहर का दिया है सर जी ! और नकल की सारी पुर्जियाँ भी छीन ली गयी हैं :(
जवाब देंहटाएंइतने सवालों के जवाब दिए होते तो क्या आज ब्लोगेर बन पाता ?
जवाब देंहटाएं1.सामूहिक ब्लॉग किसे माना जाए ?
जवाब देंहटाएंउ0- जो सामूहिक रूप से किसी विचारधारा अथवा मिशन के हितार्थ सामूहिक रूप से अभिव्यक्त करता हो
2.सामूहिक ब्लॉग में कम से कम कितने लेखक होने चाहिए ?
उ0- कम से कम दो।
3.सामूहिक ब्लॉग के पाठकों के विषय में भी कोई नियम हैं ?
उ0- पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
4.एक सामूहिक ब्लॉग को एक ही विषय पर कार्य करना चाहिए क्या ?
उ0- एक ही विषय पर नहीं लेकिन एक ही दिशा मे अवश्य कार्य करना चाहिए (सृजनात्मक दिशा मे)
5.सामूहिक ब्लॉग के लिए एग्रीगेटर की जरूरत होती है क्या ?
उ0- हाँ... तब तक, जब तक कि वह खुद एग्रीगेटर की भूमिका न निभाने लगे।
6.सामूहिक ब्लॉग के कम से कम कितने फॉलोअर्स होने चाहिए ?
उ0- कम से कम लेखकों से तो ज़्यादा होने ही चाहिए।
7.सामूहिक ब्लॉग एक दिन में कितनी पोस्ट प्रकाशित कर सकते हैं ?
उ0- पाठकों के पक जाने तक से एक कम।
8.सामूहिक ब्लॉग बिना चित्रों के पोस्ट क्यों नहीं प्रकाशित कर सकते हैं ?
उ0- ताकि रोचकता बनी रहे।
9.सामूहिक ब्लॉग को सामूहिक ब्लॉग क्यों कहा जाता है ?
उ0- क्योंकि इसे समूह द्वारा, सामूहिक मुद्दों को, समूह के लिए लिखा जाता है।
10.सामूहिक ब्लॉग में पुरुष महिला ब्लॉगरों का प्रतिशत कितना होना चाहिए ?
उ0- इतनी, कि पक्षपात का आरोप न लगने पाये और रोचकता बनी रहे।
11.सामूहिक ब्लॉग पर कम से कम कितनी टिप्पणियां प्रकाशित होनी आवश्यक होती हैं ?
उ0- कम से कम सभी लेखकों के द्वारा/के बराबर तो होनी ही चाहिए।
12.सामूहिक ब्लॉग के क्या उद्देश्य होते हैं ?
उ0- किसी बात को बहुमत से प्रस्तुत करना।
13.सामूहिक ब्लॉग की अनिवार्यता पर कम से कम 100 शब्दों में उपयोगिता बतलायें ?
उ0- सामूहिक ब्लॉग किसी धनात्मक उद्देश्य को लेकर सकारात्मक कार्य के हितार्थ होना चाहिए X100 शब्द
14. स्त्रियों का सर्वाधिक शक्तिशाली सामूहिक ब्लॉग कौन सा है और क्यों ?
उ0- अभी उल्लेखनीय शक्ति एकत्र की जा रही है।
और अंत में
1. आप नुक्कड़ को सामूहिक ब्लॉग क्यों मानते हैं ?
उ0- न मानने की हिम्मत नहीं होती
2. अपने उत्तर टिप्पणी में सिर्फ 5 शब्दों में दें
उ0- प्रश्न तो पूछिये
सर्वमान्य उत्तर को पुरस्कृत किया जाएगा।
उ0- कोई विरोध नहीं हुआ... ईनाम जल्द भेजें (होली से पहले तक)
बाप रे... इतना मुश्किल पेपर... हमे तो आप जीरो ही देदो जी
जवाब देंहटाएंईनाम पद्मसिंह को दे दिया जाए।
जवाब देंहटाएंअरे बाप रे बाप! सवाल तो भईया बहुत ही कठिन पूछा है आपने! इसके लिए तो एक महीने तक समाधि लगा कर ध्यान करना होगा. इससे तो बढ़िया है की ये ईनाम पद्मसिंहजी को ही दे दिया जाए।
जवाब देंहटाएंआपको आपके परिवार को होली की अग्रिम शुभकामनाएं!!
पर जहां तक मेरी जानकारी है पद्मसिंह तो पूर्वईनामधारी हैं। शनिवार 30 अप्रैल 2011 को नई दिल्ली के हिन्दी भवन में उन्हें सम्मान दियाजा रहा है। किसी और को ही आगे आना होगा, यूं हिम्मत मत हारिये, हिन्दी ब्लॉगर हो भाई। ऐसा काम न करो, हिन्दी ब्लॉगर का नाम बदनाम न करो।
जवाब देंहटाएंलोकतन्त्र है जी!
जवाब देंहटाएंआचार संहिता तो होनी ही चाहिए!
जापान ही दुनियाँ का पहला देश है जिसने इस्लाम को प्रतिबंधित किया.
जवाब देंहटाएं1.सामूहिक ब्लॉग किसे माना जाए ?
जवाब देंहटाएंजहां एक ज्यादा लेखक हो
2.सामूहिक ब्लॉग में कम से कम कितने लेखक होने चाहिए ?
दो
3.सामूहिक ब्लॉग के पाठकों के विषय में भी कोई नियम हैं ?
नहीं
4.एक सामूहिक ब्लॉग को एक ही विषय पर कार्य करना चाहिए क्या ?
हां
5.सामूहिक ब्लॉग के लिए एग्रीगेटर की जरूरत होती है क्या ?
हाँ
6.सामूहिक ब्लॉग के कम से कम कितने फॉलोअर्स होने चाहिए ?
ये प्रश्न बेमानी हैं
7.सामूहिक ब्लॉग एक दिन में कितनी पोस्ट प्रकाशित कर सकते हैं ?
एक ही करनी चाहिये पर जिस दिन कहीं कुछ ऐसा होता हैं जो सदस्यों के मन को आंदोलित करता हैं तो कोई नियम नहीं क्युकी ये ब्लॉग हैं
8.सामूहिक ब्लॉग बिना चित्रों के पोस्ट क्यों नहीं प्रकाशित कर सकते हैं ?
ये प्रश्न बेमानी हैं
9.सामूहिक ब्लॉग को सामूहिक ब्लॉग क्यों कहा जाता है ?
सदस्य होते हैं
10.सामूहिक ब्लॉग में पुरुष महिला ब्लॉगरों का प्रतिशत कितना होना चाहिए ?
ये प्रश्न गलत हैं क्युकी ब्लॉग पर महिला और पुरुष की बात करना ही गलत हैं और इसी बात के विरोध मैने नारी ब्लॉग की स्थापना की थी क्युकी हिंदी
ब्लॉग जगत मै परिवार वाद के चलते महिला का दोयाम का स्थान दिया गया था २००७ के ब्लॉग देखे आप को पता चल जाएगा
11.सामूहिक ब्लॉग पर कम से कम कितनी टिप्पणियां प्रकाशित होनी आवश्यक होती हैं ?
ये प्रश्न बेमानी हैं
12.सामूहिक ब्लॉग के क्या उद्देश्य होते हैं ?
नारी ब्लॉग का उद्देश्य साफ़ हैं नारी को दोयम स्थान देने वाली सोच का प्रतिकार , अन्य ब्लॉग पर आयी ऐसी टिप्पणियों का प्रतिकार जो नारी को
दोयम का दर्जा देती हैं , नारी के खिलाफ हंसी माजाक कर के उनको नीचा दीखने की कोशिश करते हैं
13.सामूहिक ब्लॉग की अनिवार्यता पर कम से कम 100 शब्दों में उपयोगिता बतलायें ?
ये प्रश्न नहीं हैं
14. स्त्रियों का सर्वाधिक शक्तिशाली सामूहिक ब्लॉग कौन सा है और क्यों ?
और अंत में
1. आप नुक्कड़ को सामूहिक ब्लॉग क्यों मानते हैं ?
नहीं , क्यूँ नीचे पढ़े
2. अपने उत्तर टिप्पणी में सिर्फ 5 शब्दों में दें
ये मजाक हैं क्युकी आप केवल मजाक करते हैं १०० शब्द मै उपयोगिता मांगते हैं और ५ शब्दों मै देने के लिये कहते हैं ब्लॉग लेखन हो सकता हैं आप के लिये टाइम पास हो
सर्वमान्य उत्तर को पुरस्कृत किया जाएगा।
परिवार वाद और सोशल नेटवर्किंग के शिकार होगे आप भी तो पुरूस्कार अँधा बांटे रेवारी की तरह ही हैं
ओ राम जी बडा दुख दीना
जवाब देंहटाएंईनाम की महिमा ने
बडा दुख दीना
सुध बुध बिसराई
ब्लोगर का चैन भी छीना
बडा दुख दीना
राधिका को बेचैन कर दीना
जानना चाहेंगे राधिका का दर्द्……………तो ये देखिये जनाब
काश! कोई तो नम्बर मेरा भी होता
चाहे 52 वां होता…………
आज हर राधिका की यही कहानी…………
हाथ मे टिशु पेपर
आँखो मे पानी
अब चाहे बरनौल लगाओ
चाहे लगाओ पानी
मैने तो अपनी कह दी
दिल की जली कहानी
हाय हाय!अब कैसे चैन पाऊं
बिन सम्मान न अब मै जी पाऊं
लेखन भी अवरुद्ध हो गया
ख्वाब मेरा भी टूट गया
कोई तो लगा दो
मेरी भी बारी
आज हर राधिका की यही कहानी……
क्यों मरवा रहे हैं …………………इतने कठिन प्रश्न देकर्…………वैसे भी होली है …………कोई रंग वंग डालिये…………किसी को पानी की टंकी मे डुबो दीजिये…………किसी पर टिप्पणी का गुब्बारा फ़ोडिये…………
क्यों है ना सही जवाब?
जवाब देंहटाएंअपने उत्तर टिप्पणी में सिर्फ 5 शब्दों में दें
जवाब देंहटाएंजवाब:क्यों है ना सही जवाब?
@ वन्दना जी
जवाब देंहटाएं- अति उत्तम
नमस्कार !
जवाब देंहटाएंअरे बाप रे बाप! सवाल तो भईया बहुत ही कठिन पूछा है आपने! इसके लिए तो एक महीने तक समाधि लगा कर ध्यान करना होगा. इससे तो बढ़िया है की ये ईनाम पद्मसिंहजी को ही दे दिया जाए।
सादर !
वाकई सिलेबस से बाहर का प्रश्न-पत्र.
जवाब देंहटाएंटिप्पणीपुराण और विवाह व्यवहार में- भाव, अभाव व प्रभाव की समानता.
Jinka naam rah Gaya hai unka 52vaa number hi hai. Parikalpna me Jo nahin bhage, batlayen kyoin nahin bhage ?
जवाब देंहटाएं