23 मार्च 2011 को सायं 5.00 बजे हिन्दी भवन में बुला रहे हैं हम आपको।
हम भी आ रहे हैं और आ रहे हैं
जिनके नाम प्रकाशित हैं कार्ड पर
लेकिन वे भी आ रहे हैं
जिनके नाम प्रकाशित नहीं हैं कार्ड पर
कार्ड पर कभी सभी भागीदारों के नाम
प्रकाशित नहीं होते हैं
समारोह साहित्यकारों के सम्मान का है
पुस्तकों पर दिए जा रहे हैं सम्मान
जैसे भवानी प्रसाद मिश्र सम्मान दिया जा रहा है चिमनी पर टंगा चांद पुस्तक पर कवि सुरेश यादव को
और
डॉ. रामलाल वर्मा सम्मान दिया जा रहा है
डॉ. हरीश अरोड़ा को उनकी पुस्तक
इलैक्ट्रोनिक मीडिया लेखन पर।
पुस्तकें और भी हैं
सम्मान और हैं
लेने वाले नेक हैं
देने वाले एक हैं
लेने वाले अनेक हैं
अनेकता में एकता
इसे ही तो कहते हैं
आप विशेष हैं
आप इस लेन देन के साक्षी बनेंगे
हम आपको वहीं मिलेंगे
आकर पहचानना।
आयोजन बहुत अच्छा है और एक ऐतिहासिक दिन पर आपने यह कार्यक्रम रखा है . भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में तेईस मार्च एक यादगार तारीख है. यह अमर शहीद भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु की महान शहादत को याद करने का दिन है.क्या हम उम्मीद करें कि साहित्यकार सम्मान समारोह में इन महान शहीदों को श्रद्धांजलि देकर उनकी देशभक्तिपूर्ण जीवन-गाथा को भी याद किया जाएगा ? शहीद भगत सिंह स्वयं एक महान विचारक और लेखक भी थे. साहित्यकारों को उनसे और उनके जैसे महान देशभक्तों से भी प्रेरणा मिल सकती है. आयोजन की सफलता के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंआयोजन सफ़ल हो हमारी शुभकानाऎं.
जवाब देंहटाएंहमारी शुभकानाऎं..
जवाब देंहटाएंमेरी हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई और शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई और शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंKaryakram shuru ho Gaya hai, samajhh lijiye.
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