पप्पू मंदिर जाता है (अविनाश वाचस्पति)
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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मुन्ना
मुन्ना ने पूछ लिया पप्पू से
तुम्हारे जूते
मेरे जूतों से
चमकदार कैसे ?
पप्पू ने बतलाया
इसे प्रभु की माया
मुन्ना चकराया
खूब दिमाग लगाया
जब समझ नहीं आया
तो पूछ लिया
कैसे ?
कल तलक तो
फटे पुराने थे।
रहस्य खोला पप्पू ने मुस्कराते हुये
बात है सीधी सी
नहीं जरा सी भी टेढ़ी या तिरछी
थोड़ी बहुत सिलाई करा ली थी और ...
और क्या ....
अधीर हो चुका था मुन्ना
मंदिर में चला गया था
दर्शन करने।
पप्पू मंदिर जाता है
चमकदार जूते पहनता है।
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हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंवाह !
पप्पू के ये लक्षण ठीक नहीं हैं ...........
बिगड रहा है .. या तेज हो रहा है आपका पप्पू !!
जवाब देंहटाएंmere baare mein kavita mat likha kijiye avinash jee ! sare aam pol hol rahe hain !
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंवाह पप्पू तेरे भी क्या कहने....
जवाब देंहटाएंगुदगुदाती पोस्ट...
मीत
हा-हा-हा बढिया है।
जवाब देंहटाएंलाजवाब रचना।
जवाब देंहटाएंआप भी पप्पू से पता नहीं क्या क्या करवाकर छोडेंगें!!
जवाब देंहटाएंhamare desh ke bahut se garib log Pappu ban sakte, par eaisa naheen hai. vyangy men dhori der ke liye hi khushi sahi. Hakkeat men desh ke bahut se bachche nange paanv school jaate hai. desh ke bahut se schoole men shyampat naheen hai aur anek schoolon men chhat bhi naheen hai. achchhi hasy kavita ke liye dhanyavad
जवाब देंहटाएं-sharad aalok
bechare pappu ke peeche hai sare....
जवाब देंहटाएंअरे पप्पू ने पहले क्यो नही बताया ? मै भी मंदिर जाऊं गा जुते पहन के आऊंगा... आज से नये जुते खरीदना बन्द.
जवाब देंहटाएंprabhu ki leelaa aparampaar haimandir ke dwaar par pahuchte hi paapi to paapi uske jooton ki kismat bhee chamak jaatee hai.
जवाब देंहटाएंwaah pappu... lage raho... !
जवाब देंहटाएंbechara.. munna !
पप्पू जूते चुराना जाता है मंदिर ...हा हा हा ..!!
जवाब देंहटाएंmujhe nahi pata ki aap is rachana se kya sandesh dena chahte hain?
जवाब देंहटाएंmera sandesh
kirti:
kirtiverdhan:
खुदा ना बनाओ
मेरे मालिक!
मुझे इंसान बना रहने दो
खुदा ना बनाओ
बना कर खुदा मुझको
अपने रहम ओ करम से
महरूम ना कराओ।
पडा रहने दो मुझको
गुनाहों के दलदल में
ताकि तेरी याद सदा
बनी रहे मेरे दिल मे।
अपनी रहमत की बरसात
मुझ पर करना
मुझे आदमी से बढ़ा कर
इंसान बनने की ताकत देना।
तेरी हिदायतों पर अमल करता रहूँ
मुझे इतनी कुव्वत देना।
तेरे जहाँ को प्यार कर सकूं
मुझे इतनी सिफत देना।
मेरे मालिक!
मुझे खुदा ना बनाना
बस इंसान बने रहने देना।
मुझे डर है कहीं
बनकर खुदा
मैं खुदा को ना भूल जाऊँ
खुदा बनने gurur मे
gunah करता चला जाऊँ।
मेरे मालिक!
अपनी maharbaani से
मुझे खुदा ना बनाना।
सिर्फ़ अपनी najarain inaayat से
मुझे इंसान बनाना।
gustaakhi ना होने पाये मुझसे
किसी इंसान की शान मे
mahar baani हो तेरी मुझ पर
बना रहूँ इंसान मैं.
Posted by Kirti Vardhan
kirtivardhan.blogspot.com