
दिल्ली में पुस्तक मेला चल रहा है
जी हां मेला चलता ही है और
इस मेले में पुस्तक प्रेमियों का
दिल मचलता ही है खरीदने के लिए।
मेले तो सभी चलते हैं
बच्चों को भी अच्छे लगते हैं
बच्चे कहते हैं मेला मेला है
मतलब मेला मेरा है।
पर पुस्तक मेला तो सबका है
बच्चों, जवानों और अनुभवियों का
दिल्ली में है तो यह मत समझें
सिर्फ दिल्ली वालों का है।
एक सितम्बर 2009 को तीन बजे
पत्रकार और लेखक देवेन्द्र भारद्वाज रचित
राष्ट्रमंडल खेल : सफरनामा का विमोचन
खेल कमेंटेटर डॉ. नरोत्तम पुरी करें।
4 सितम्बर 2009 को किया जाएगा विमोचन
प्रोफेसर पुष्पेश पंत लिखित भूमंडलीकरण का
जिसे मुख्य अतिथि और यूपीएससी के सदस्य
डॉ. पुरुषोत्तम अग्रवाल करेंगे शाम 4 बजे।
इसके अलावा भी होंगे खूब सारे कार्यक्रम
यह सब प्रगति मैदान में हो रहा है
और विमोचन प्रगति आडिटोरियम में।
आप आयेंगे विश्वास है नुक्कड़ को।
शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंgood
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ये कविता है या सूचना या? समझ नहीं आया
जवाब देंहटाएं@ निर्मला कपिला
जवाब देंहटाएंकविता में सूचना है
सूचना सच्ची है।
बहुत ही बढ़िया जानकारी...हम इंतज़ार कर रहे थे..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
अविनाश जी,
जवाब देंहटाएंजानकारी के लिये शुक्रिया, और जानकारी देने का अंदाज निराला और खूबसूरत है।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
जानकारी देने के लिए शुक्रिया !!
जवाब देंहटाएंबढिया बात है साहेब !
जवाब देंहटाएंवाह अविनाश जी! आपका अंदाज़ तो बहुत खूब है। धन्यवाद इस जानकारी को बढ़ाने के लिए और इसे सुंदर, रोचक रूप में आगे बढ़ाने के लिए तो और भी ज्यादा आभार। लोग पहुंचें और पुस्तकों को खंगालने का और फिर खरीद कर पढ़ने का आनंद उठाएं और इसी मंच पर साझा भी करें तो मजा आए।
जवाब देंहटाएंpustak melaa hai jaldi jaldi dekh lo varnaa dhoondte rah jaaoge ..kyonki pustakon parpaabandi lagnee shuru ho gai hai.
जवाब देंहटाएंdilli door hai :(
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