अभी-अभी खबर आई है कि भाजपा नेताओं ने रैंप पर कैट-वॉक का अभ्यास किया. भाजपाइयों को शुरू से ही वॉक से कुछ ज़्यादा ही लगाव रहा है. कुर्सी मिलने से पहले वे ख़ुद वॉक करते हैं, बाद में जनता को वॉक करवाते हैं. अडवानी जी ने एक बार रथ को लेकर भारत का वॉक किया था. उस लम्बी वॉक से उन्हें दिल्ली तक के वॉक में आसानी हो गयी थी. फिर उन्होंने कई कारसेवकों को लेकर अयोध्या-वॉक किया. तब कई रामभक्त इस दुनिया से सीधे दुसरी दुनिया, यानि डायरेक्ट श्रीराम प्रभु के चरणों में वॉक करने चले गए थे .और वाजपेयी जी ने कमल के फूल पर बैठकर दिल्ली की गद्दी की ओर वॉक किया था...................... क्योंकि उस समय भी उनके घुटनों में दर्द होता था.
लेकिन दूसरों कि वॉक भाजपाइयों को कम रास आती है. सोनिया गाँधी की गद्दी तक की, दो कदम की वॉक को रोकने में सुषमा स्वराज ने एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया था. उनकी इटालियन किस्म की, तेज गति वाली वॉक से डर कर भाजपा ने वॉकआउट कर दिया था. 'वॉक-वॉक पर लिखा है चलने वाले का नाम' कहावत को चरितार्थ करते हुए मनमोहन ने अपनी मोहिनी-वॉक से सारे देश को मोहित कर दिया. आजकल युवराज की जनता के द्वार-द्वार वाली वॉक ने भाजपाइयों कि नींद उड़ा रखी है. वसुंधरा ने छः बार में वॉक ओके किया लेकिन गुर्जरों को उन्होंने खूब वॉक करवाया. वे बेचारे रेल की पटरी पर कई दिनों तक भूखे-प्यासे वॉक करते रहे लेकिन वो अपने महल से नीचे उतर कर नहीं आईं क्योंकि उनके घर में ही ट्रेडमिल है. महोदय, कैट-वॉक सीखने के कई फ़ायदे भी हैं. जिस तरह से कैट शिकार करने से पहले अपने शिकार से जी भर कर खेलती है, कभी उसकी दुम पर पैर रखती है, कभी थोड़ी दूर भागने देती है और फिर झपट कर उसे मुंह में रखती है उसी तरह से यह मतदाता-रुपी चूहे को कई दिनों तक रिझाएंगे, ढेरों वादे करेंगे और अंत में गप्प से उसके वोट को अपने मुंह में रख लेंगे और पांच साल तक चैन की नींद सो जाएंगे. जब वोटर इनके द्वार पर अपनी फरियाद लेकर जायेगा तो यह कैट की तरह दबे-पांव, पिछले दरवाज़े से वॉक कर जायेंगे.
लेकिन दूसरों कि वॉक भाजपाइयों को कम रास आती है. सोनिया गाँधी की गद्दी तक की, दो कदम की वॉक को रोकने में सुषमा स्वराज ने एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया था. उनकी इटालियन किस्म की, तेज गति वाली वॉक से डर कर भाजपा ने वॉकआउट कर दिया था. 'वॉक-वॉक पर लिखा है चलने वाले का नाम' कहावत को चरितार्थ करते हुए मनमोहन ने अपनी मोहिनी-वॉक से सारे देश को मोहित कर दिया. आजकल युवराज की जनता के द्वार-द्वार वाली वॉक ने भाजपाइयों कि नींद उड़ा रखी है. वसुंधरा ने छः बार में वॉक ओके किया लेकिन गुर्जरों को उन्होंने खूब वॉक करवाया. वे बेचारे रेल की पटरी पर कई दिनों तक भूखे-प्यासे वॉक करते रहे लेकिन वो अपने महल से नीचे उतर कर नहीं आईं क्योंकि उनके घर में ही ट्रेडमिल है. महोदय, कैट-वॉक सीखने के कई फ़ायदे भी हैं. जिस तरह से कैट शिकार करने से पहले अपने शिकार से जी भर कर खेलती है, कभी उसकी दुम पर पैर रखती है, कभी थोड़ी दूर भागने देती है और फिर झपट कर उसे मुंह में रखती है उसी तरह से यह मतदाता-रुपी चूहे को कई दिनों तक रिझाएंगे, ढेरों वादे करेंगे और अंत में गप्प से उसके वोट को अपने मुंह में रख लेंगे और पांच साल तक चैन की नींद सो जाएंगे. जब वोटर इनके द्वार पर अपनी फरियाद लेकर जायेगा तो यह कैट की तरह दबे-पांव, पिछले दरवाज़े से वॉक कर जायेंगे.
नेता बिल्ली
जवाब देंहटाएंमतदाता चूहा
पर वोट देने से पहले
नेता चूहा ही चूहा
बाद में बनाए
वोटदाता को चूहा।
नेता
एक ऐसी लोमड़ी
जो अंगूरों को
मीठा कर लेती है।
sach kaha aapne..
जवाब देंहटाएंनेताओं को सही लपेटा है आपने
जवाब देंहटाएंKYA KYA NAA KIYAA HAMNE SANAAM KURSEE KEE KHAATIR
जवाब देंहटाएंAAB WALK PE JAAYENGE HAM IS KURSEE KEE KHAATIR
http://hariprasadsharma.blogspot.com/2009/03/blog-post.html