शीर्षक देखकर आप सभी चौंक ही गए होंगे कि मैं किस स्टेटस की बात करने जा रही हूं आर्थिक,मानसिक,खर्च,जीवनशैली या किसी अन्य पक्ष की । अरे, हम ब्लागर भाई बहन हैं , अन्य सभी पक्षों को छोडकर सिर्फ ब्लागिंग की ही बात करते हैं, जाहिर है कि स्टेटस भी अपने पोस्टों और पाठक संख्या से ही बनेगी। अब इतने ब्लागरों में से मेरे पास तो सबका हिसाब किताब है नहीं कि किसने कहां पोस्ट किया और कितना पोस्ट किया और किसके चिट्ठे पर कितने पाठक आते हैं। लेकिन अभी चिट्ठाकारों में मेरी जानकारी में जिनका सबसे बडा स्टेटस है, उनकी चर्चा और किस आधार पर मैने उनको स्टेटस वाला चिट्ठाकार माना है, इसकी चर्चा करने जा रही हूं।
मेरे जीटाक पर बहुत सारे चिट्ठाकार मित्र हैं , क्योंकि मेरे लगभग सारे काम कंप्यूटर पर ही होते हैं , मैं लगभग दिन भर उसपर लागिन ही रहा करती हूं , यह बात अलग है कि मेरे पास इतना समय नहीं होता कि व्यर्थ चैटिंग में समय बर्वाद कर सकूं। पर हां , सारे आते जाते रहते हैं , जीटाक में अचानक किसी के जाने का तो पता नहीं चलता , पर आनेवालों की स्टेटस सहित सूचना देने के लिए जीटाक बिल्कुल एलर्ट रहा करता है। क्योंकि मैने जीटाक के सेटिंग में जाकर नोटिफिकेशन के फ्रेंड्स आनलाइन में शो नोटिफिकेशन के वर्ग को टिक कर रखा है। इस स्थिति में किसी मित्र ने जो भी कस्टम मैसेज सेट कर रखा होता है उसके सहित उनके आने की सूचना मुझे मिल जाती है। इस कारण बिना बात किए भी मुझे सबों के स्टेटस (कस्टम मैसेज) का पता चलता रहता है। साथ में कोई स्टेटस नहीं भी हो तो भी उनको नियमित देखकर सबकुछ सामान्य बने रहने का अहसास बना रहता है। कुछ असामान्य महसूस होता है , तो अवश्य बातें भी कर लिया करती हूं , कसम नहीं खायी है अबतक औरों कि तरह कि जीटाक पर बात ही नहीं करूंगी।
कोई आते हैं एक मिमी की उंचाई का स्टेटस लेकर तो कोई एक इंच की उंचाई का , कभी कभी कोई दोचार इंच तक का स्टेटस लेकर भी आते हैं , पर हमारे अविनाश वाचस्पति जी का स्टेटस हमेशा काफी उंचा होता है। पंद्रह दिन पहले तक उनका जी टाक पर आगमन मेरे कंप्यूटर की कुल उंचाई का आधा कवर कर रहा था , क्योंकि वे चार पांच पोस्टों का स्टेटस एक साथ लिए चल रहे थे , अब इतने स्टेटसवाले व्यक्ति से मेरा संपर्क हो , मुझे अच्छा तो लगेगा ही , मैं खिताब देना ही सोंच रही थी कि अचानक उन्होने अपना स्टेटस कम कर दिया। मैने खिताब का कार्यक्रम ही स्थगित कर दिया। पर दो तीन दिनों से उनके स्टेटस में पुन: बढोत्तरी की शुरूआत हुई है , मै इंतजार करने लगी , इनके कद में और वृद्धि होने कि और आज पुन: वह अवसर आ गया । आज तो उनका स्टेटस मेरे कंप्यूटर की कुल उंचाई का पौन भाग कवर कर रहा है, क्योंकि वे अपने कस्टम मैसेज में 8-8 पोस्टों को साथ लेकर चल रहे हैं। अब उनको खिताब देने से मुझे कोई नहीं रोक सकता। पर उसके पहले आप सबों को जानकारी तो देनी आवश्यक है , इसलिए कि कहीं उनसे बडे स्टेटस के कोई और ब्लागर भाई बैठे हों। यदि ऐसा है तो आप अवश्य जानकारी दें। मैं इंतजार कर रही हूं।
हम ब्लागरों में सबसे बडा स्टेटस किसका ?
Posted on by संगीता पुरी in
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चलिए अच्छा है ,आप ने सबको एक नई जिम्मेदारी दे दी ,परन्तु हम जैसों का क्या कि जिन्हें नेट पर बैठने की फुर्सत ही नहीं मिलती .
जवाब देंहटाएंहमें तो मालूम ही नहीं था status का ये इस्तेमाल भी होता है
जवाब देंहटाएंkya baat hai sangita ji aap to ek dum nayi cheese le aayi.lekin achhca hai aise hi naya socha aur kiya jata hai.
जवाब देंहटाएंstetes to nahi ,,,,kah sakti ...lekin aap ke blog par shabd phool se jhar rhe hai....
जवाब देंहटाएंस्टेट्स ,अविनाश जी को उनकी सक्रियता को सलाम
जवाब देंहटाएंहमें तो पता ही नहीं कि ये स्टेटस किस बला का नाम है । हम भले और हमारा ब्लॉग भला की तर्ज़ पर काम चलता है अपना तो । इसी फ़ितरत के चलते हो सकता है ,हमारा स्टेटस ज़ीरो हो । मगर उससे क्या ? ब्लॉगिंग की दुनिया में हम तो आये हैं समाज में अलख जगाने के उद्देश्य से । इसलिये आप हमें शून्य से माइनस तक के नम्बरों में भी मानें कोई फ़र्क नहीं पड़्ता । कोऊ नृप होय हमें का हानि ...?
जवाब देंहटाएंसरिता जी आप तो सदाशयता की बहती हुई सरिता हैं। आपकी सक्रियता मुझसे छिपी हुई नहीं है।
जवाब देंहटाएंधीरू भाई सलाम की जगह अगर भेजते सल हटाकर आम तो सभी ब्लॉगर खाते और आपको करते प्रणाम। वैसे प्रण आम खाने का क्योंकि प्रणाम में भी लगा है आम।
वंदना ने नई खोज की की वंदना
।
संगीता जी के संगीत को बना दिया है गीत।
सभी बने रहें आपस में मीत। यही बने हम ब्लॉगर्स में रीत।
चाहे हो शीत या गर्मी की भीत।
:-)
जवाब देंहटाएंअब हम भी सबके स्टेटस का पता रखेंगे |
जवाब देंहटाएंसबसे ऊंचा आपका स्टेटस कर दिया। कोई एतराज तो नहीं?
जवाब देंहटाएंअनूप जी लगता है
जवाब देंहटाएंअब 12 पोस्ट रोज लगानी पड़ेंगी
अगर इसे कायम रखना है
पर मैं सोचता हूं कि न लगाऊं
इतने बड़े स्टेटस (तख्त) पर
स्थिर न रहूं जिससे सब उपर
छाएं, मैं नीचे रहूं और
सबकी छाया पाऊं ।
टिप्पणी.... :) और क्या कहूं।
जवाब देंहटाएंहमें कुछ समझ में नहीं आई ये तकनीकी बातें। पर संगीता जी ने आपके बारे में कुछ भली बातें कही हैं, इतना तो पता चला। ये हमें भी भली लगीं। आप भले हैं, ये हमें पहले ही पता है। और भले हो जाएं, इसमें हमें कोई ऐतराज नहीं। स्क्रीन की लंबाई में ही नहीं, चौड़ाई में भी छा जाएं :)
जवाब देंहटाएंजै जै
भई हम तो स्टेटस के ही मारे हैं। हम तो अब आम व्यक्ति बनने की जुगाड़ में हैं। आप तो देखें कि कौन बेचारा है जिसके ब्लाग पर कोई नहीं जाता और संगीता पुरी अपनी मरहम लगा आती हैं। हम तो आपको ही सबसे बड़ा दिल वाला मानते हैं।
जवाब देंहटाएंदेखिये हम जहा है वहा से इन छॊटॊ मोटी बातो पर हम ध्यान नही देते . कभी देखा है आपने हिमालय को किसी से प्रतिस्पर्धा करते ? नही ना सो हम स्टेटस कि किसी दौड मे शामिल हो ही नही सकते :)
जवाब देंहटाएंhi......ur blog is full of good stuffs.it is a pleasure to go through ur blog...
जवाब देंहटाएंby the way, which typing tool are u using for typing in Hindi...? recently i was searching for the user friendly Indian language typing tool and found ... " quillpad " do u use the same...?
heard that it is much more superior than the Google's indic transliteration...!?
expressing our views in our own mother tongue is a great feeling...save, protect,popularize and communicate in our own mother tongue...
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Jai..HO....
अब क्या करे हम भी बस ब्लॉग लिख -पढ़ लेते है वही बहुत है ।
जवाब देंहटाएंपर आपकी खोज अच्छी लगी ।
यह नजरिया भी बढ़िया लगा ..:)
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही, खिताब तो अविनाशजी को ही मिलना चाहिये ।
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