साहित्यशिल्पी
पर रविवार दिनांक 22 मार्च 2009 की
सुबह 6 बजे पहुंच जाएं और वे तो जरूर
पहुंचे जिन्होंने अपने लिए टिकट की मांग की है
जिन्होंने पहुंचने में देर कर दी
वे कुर्सी से उतना ही दूर होंगे
धन धर्म धंधा : धांसू हो गए
टिकट की कहानी विकट भई
पी एम की कुर्सी के लिए रविवार सुबह 6 बजे साहित्य शिल्पी पर टिकटें बटेंगी लेना न भूलना (अविनाश वाचस्पति)
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
Labels:
22 मार्च 2009,
6 बजे सुबह,
पी एम की कुर्सी,
साहित्यशिल्पी
Labels:
22 मार्च 2009,
6 बजे सुबह,
पी एम की कुर्सी,
साहित्यशिल्पी
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
जो हुक्म मेरे आका
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया आपके चिठ्ठे की चर्चा समयचक्र में आज
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया ... अभी जाती हूं।
जवाब देंहटाएंपर यह तो बताएं कि कुर्सी है कहां??????:)
जवाब देंहटाएंabhi dooor hai Dilli.
जवाब देंहटाएंsarwat jamal
धन्यवाद सर।मगर मैं वहाँ नहीं जाने वाला।माफ़ कीजियेगा।
जवाब देंहटाएं