नुक्कङ का हूँ मैं सदा,सबसे करता बात.
सँवाद फ़िर सहमति,तब सहयोग की बात.
सहयोग की बात,बने तो देश बदल दें.
दुष्ट-रावणी-तन्त्र हटा कर भारत ला दें.
कह साधक कवि,मैं एक वाद लिये आया हूँ.
बन जाये सँवाद,क्योंकि मैं नुक्क्ङ तन्त्र का हूँ
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अति सुन्दर, साधक जी हमेशा अच्छा लिखते हैं.
जवाब देंहटाएंउत्तम उत्तम उत्तम भाई....
जवाब देंहटाएंईश्वर कृपा करे और आप साधक से सिद्ध हो जाए,
अर्ध से पूर्ण हो जए
आपके उत्साह-वर्धन का धन्यवाद,पुनः मिलें.
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