सत्यम को सरकार ने ले लिया!
हे भगवान! सत्यम के इतने बुरे दिन आ गये! इससे तो अच्छा बिचारा राजू ही ठीक था.
उसने कितना भी घोटाला क्यों न किया हो, पर सत्यम को जिन्दा रह्ने जैस्स तो रखा था. सरकार क्या उसे जिन्दा रहने देगी?
उसने तो खुद कबूल किया था अपना गुनाह, क्या सरकार करेगी?
राजू शर्मिन्दा तो है अपने किये पर, क्या सरकार कभी शएमिन्दा हो सकती है?
राजू या अन्य किसी अनाङी के हाथ रह जाती, तो सत्यम के बचने की कुछ संभावना भी थी, अब...
सरकार तो जहाँ हाथ डालती है, उसका बँटाढार होना तय है...
.........जरूर इसमे कोई सरकारी षङ्यन्त्र था, जिसका शिकार सिर्फ़ राजु ही नहीं,लाखों निवेशक भी हुये...
राजू या अन्य कोई भी होता डाईरेक्टर, तो उससे शिकायत तो की जा सकती थी, अब???>???
फ्राइवेट हाथ फ़िर भी कुछ असरकारी होते....अब सरकार भला कैसे असरकारी हो सकती है?...उम्मेद साधक
सत्यम का हसश्र
Posted on by Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak " in
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sarakी asarkareी
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lagataa hai aap sarkaar se bahut naaraaj hain bhai hona bhi chaahiye aapas me dukh baanT kar hi gujaaraa karna padegaa
जवाब देंहटाएंराजू भैया को यह बात प्रत्यक्ष प्रमाणित हो गई होगी कि:-
जवाब देंहटाएंदुख मॅ सिमरन सब करॅ, सुख मॅ करे न कोय,
जो सुख मॅ सिमरन करॅ, तो दुख काहे को होय.
एक गलती कर दी राजू भैया ने, किसी पार्टी को ज्वाइन करते और फिर साफ बरी हो जाते, हो सकता था कि किसी पार्टी से टिकट भी पा जाते.
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