सावधान दोस्तों, आपकी लेखन-सामग्री अब नेट से चोरी हो सकती है।

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  • Sushil Kumar
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  • आदरणीय मित्रवर /गुरुजन।
    आपसे निवेदन है कि किसी ब्लाग पर आप जो भी रचनायें लिखते हैं, उसकी समय-समय पर जाँच किया करें कि कहीं उनका उपयोग बिना आपकी आज्ञा के कोई चोर- महाराज- ब्लॉगर तो नहीं कर रहे हैं, यानि अपने नाम से छाप कर अपनी वाहवाही तो नहीं लूट रहे हैं! ऐसा इसलिये कह रहा हूँ क्योंकि यह मेरे साथ हुआ है। मेरा एक आलेख ‘कृत्या’ के फरवरी २००८ अंक में आया था । उसे सितम्बर २००८ अंक में एक बेशर्म ब्लॉगार ने अपने नाम से छाप लिया। जब मुझे इसकी जानकारी मिली तो मैंने अपने मित्र और चर्चित कवि-लेखक श्री अशोक कुमार पाण्डेय को अपना दुखड़ा सुनाया। उन्होंने झट ही मामले की जाँच कर तीन ब्लाग http://naidakhal.blogspot.com/, http://rangkarmi.blogspot.com/ और http://bhadas.blogspot.com/2008/12/blog-post_8206.html पर इसके विषय में लिखा। यहाँ भी मैं नुक्कड़ के साथियों को सावधान करने के ख्याल से श्री अशोक कुमार पाण्डेय जी का वह लघु लेख एवं उस पर आयी टिप्पनियाँ साभार लेकर दे रहा हूँ -

    “चोरी करना पाप है”-’
    हद है! अब ब्लॉग पर भी चोरी होने लगी। मामला ताजा है , फरवरी २००८ में ही कृत्या मॆ धूमिल पर एक आलेख छपा था, लेखक थे जाने माने कवि और आलोचक भाई सुशील कुमार। अब इसी को शब्दशः चुरा कर मुकुन्द नामक व्यक्ति ने कालचक्र पर छाप दिया है। यहाँ तक कि क़ोटेशन भी वही है।यह ब्लाग की मस्त कलन्दरी दुनिया को गन्दा करने वाला प्रयास है। इसकी लानत मलामत की जानी चाहिये।सबूत के लिये यहाँ दोनों लिन्क दे रहा हूँ ।http://www.kritya.in/0309/hn/editors_choice.html इस पर सुशील जी का आलेख फ़रवरी मे छपा।http://kalchakra-mukund.blogspot.com/2008/09/blog-post_5626.html इस पर है मुकुन्द जी का स्वचुरित लेख है।
    फ़ैसला आप ब्लागर देश के नागरिकों का।”


    और यह रही टिप्पणियों के अंश के लिंक-
    १) ‘युवा दखल’ पर- http://naidakhal.blogspot.com/2008/12/blog-post_27.html
    २) ‘रंगकर्मी’ पर- http://rangkarmi.blogspot.com/2008/12/blog-post_27.html
    ३)‘भड़ास’ पर- http://bhadas.blogspot.com/2008/12/blog-post_8206.html

    आप इन्हें क्लिक कर या इन्टरनेट एक्सप्लोरर के वेब पते की जगह पेस्ट कर लॉग-ऑन कर पढ़ सकते हैं।
    आपसे निवदन है कि समय-समय पर ‘गूगल- सर्च’ पर अपनी रचना का शीर्षक डालकर पता लगाते रहे कि कोई चोर-महाराज तो आपके पीछे भी नहीं पड़ गया। ...और हाँ यह सावधानी आपको कैसी लगी, आप मुझे यहाँ अपने विचार कमेंन्ट बॉक्स में देकर बताना न भूलें। सभी नुक्कड़ साथियों को मेरा प्रणाम।- सुशील कुमार।(sk.dumka@gmail.com)

    11 टिप्‍पणियां:

    1. चोरी रोकने का कोई उपाय बताया जाय। कोई अलीगढ़ी ताला नहीं बना इसके लिए?

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    2. BADI BESHARMI HAI BHAI....CHORON NE PRINTMEDIA KE BAD YAHAN BHI NAHIN CHHODA.

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    3. बड़ा ख़राब जमाना है भाई !!

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    4. आप www.copyscape.com देखें। इस तरह की जाँच हेतु बढ़िया वेबसाईट है।

      आपकी लिंक का यह नतीजा मिला मुझे
      http://www.copyscape.com/view.php?o=98109&u=http://kalchakra-mukund.blogspot.com/2008/09/blog-post_5626.html&t=1230479473&s=http://www.kritya.in/0309/hn/editors_choice.html&w=79&c=&i=3&r=3

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    5. चोरी का पता लगाना भे एक कष्टसाध्य कार्य है. यह काम भी अपनी रचनात्मकता की कीमत पर करना पडेगा.

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    6. देखिये लाक करने का मामला नही है,हम तो यहाँ कापीराइट नही कापी लेफ़्ट की बात करते है।
      मामला है ऐसे लोगो को बेनक़ाब करने का।

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    7. दोस्त इस चोरी को रोकने के लिए सबसे पहले आप left hand disable कोड का प्रयोग करे ,ये कम कम से कम cut ,copy ,paste से आप को सुरक्षा पर्दान करेगा / फ़िर आप रोज परभू से परार्थना करे की इन दुस्तो को सध बुधी आ जाए

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    8. चोरी करना पाप है”- सच है और वो भी किसी के ब्लॉग की , शर्मनाक जानकारी और आगाह करने के लिए आभार
      regards

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    9. यदि रचना इस्तेमाल करने वाला श्रोत का उल्लेख करे तो स्थिति क्षमा योग्य है ....

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    10. लगता है चोर महराज ने कभी सुना ही नही कि विद्या और ग्यान कभी चुराया नही जा सकता....खैर ईश्वर चोर जी को सन्मति दे और नये साल मै वो भी चोर से रचनाकार बनने का प्रयास करे

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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