ऑनलाईन पत्रकारिता का उद्भव और विकास की गति और संभावनायें

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • इस विषय पर सुविज्ञ
    ब्‍लॉगर बंधुओं से जानकारी अपेक्षित है।
    इसमें ऑनलाईन पत्र पत्रिकाओं के विकास
    को भी रेखांकित किया जाना है।
    आप टिप्‍पणी में जानकारी पाने के लिए

    लिंक्‍स भी छोड़ सकते हैं।


    ऑनलाईन पत्रिकाओं और पत्रकारों

    और इसमें उपजती संभावनाओं पर

    मार्गदर्शन भी अपेक्षित है।

    यह ब्‍लॉगिंग से किस तरह से

    अलग है या दोनों ही एक दूसरे

    के पूरक हैं।

    2 टिप्‍पणियां:

    1. हे तात
      एसी भी अधीरता की क्या बात?
      एक ही सवाल
      पांच पांच ब्लागों में ठोक देते हो!
      एग्रीगेटरो के आधे पेज पर कब्जा कर लेते हो!
      हे कवि राज
      बाकी ब्लागरो पर मत गिराओ गाज
      माना ब्लाग मुफ्त के हैं
      माले मुफ्त दिले बेरहम
      लेकिन खाओ पाठको पर भी थोड़ा रहम
      तेताला के झकाझक नुक्कड़
      फाड़ रहे है रोकर बुक्कड़
      प्रश्न का उत्तर तो देंगे ज्ञानी सुविज्ञ
      लेकिन हमारी भावनाओं से न रहिये अनभिज्ञ

      जवाब देंहटाएं
    2. काफी अच्छा सोचा है आपने, मैं आपके साथ हूं.

      जवाब देंहटाएं

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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