सूचना एंव प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी ने कहा कि फिल्म महोत्सव के आयोजकों
की प्रतिबद्धता दोगुनी हो गई है क्योंकि भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव
2013 के संस्करण के मौके पर भारतीय सिनेमा सौ साल पूरे करके नई शताब्दी की शुरूआत
कर रहा है। गोआ में 44वें अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव के उद्घाटन से पहले
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महोत्सव सिनेमा का जोश और
मूल वस्तु का समारोह है। उन्होंने संघ-राज्य भागीदारी में एक अनूठी परियोजना की
बेतुकी बात बताया। उन्होंने कहा कि इसने एक दूसरे के साथ मिल-जुल कार्य करके
सफलतापूर्वक एक आदर्श का सृजन किया है।
वार्षिक समारोह का सिंहावलोकन प्रस्तुत करते हुए मंत्री ने कहा कि यहां पर हम विभिन्न विचार-धाराओं को एक मंच प्रदान करते है। उन्होंने बताया कि इस सांस्कृतिक समारोह में पर्दे पर विभिन्न लोकाचार और परिवेश को प्रदर्शित किया जाता है। महोत्सव के मुख्य अंश को रेखांकित करते हुए मंत्री ने कहा कि फिल्म उद्योग अपनी विभिन्नता में भव्यहै। उन्होंने बताया कि इस वर्ष महोत्सव पूर्वोत्त्र सिनेमा पर केन्द्रित है। इसलिए मेघालय के मुख्यमंत्री श्री मुकुल संगमा से इसका उद्घाटन करने का आग्रह किया गया है।
वार्षिक समारोह का सिंहावलोकन प्रस्तुत करते हुए मंत्री ने कहा कि यहां पर हम विभिन्न विचार-धाराओं को एक मंच प्रदान करते है। उन्होंने बताया कि इस सांस्कृतिक समारोह में पर्दे पर विभिन्न लोकाचार और परिवेश को प्रदर्शित किया जाता है। महोत्सव के मुख्य अंश को रेखांकित करते हुए मंत्री ने कहा कि फिल्म उद्योग अपनी विभिन्नता में भव्यहै। उन्होंने बताया कि इस वर्ष महोत्सव पूर्वोत्त्र सिनेमा पर केन्द्रित है। इसलिए मेघालय के मुख्यमंत्री श्री मुकुल संगमा से इसका उद्घाटन करने का आग्रह किया गया है।
इस अवसर पर सूचना एंव प्रसारण सचिव श्री बिमल जुल्का ने मीडिया को सूचित
किया कि विदेशी फिल्मों के 10 पैकेज है जबकि भारतीय फिल्म के 13 पैकेज है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा के लिए मुंबई में राष्ट्रीय सग्रहालय स्थापित
किया जा रहा है। इसके अलावा नेशनल फिल्म हेरिटेज मिशन पुणे में शुरू किया जाएगा।
nice post.
जवाब देंहटाएंprathamprayaas.blogspot.in-
तिवारी जी कहिन तो कहिन गजब गजब कहिन !
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