बेटियां (ग़ज़ल)

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  • प्यार का मीठा एहसास हैं बेटियाँ
    घर के आँगन का विश्वास हैं बेटियाँ।
    वक्त भी थामकर जिनका आँचल चले
    ढलते जीवन की हर आस हैं बेटियाँ।
    जिनकी झोली है खाली वही जानते,
    पतझरों में भी मधुमास हैं बेटियाँ।
    रेत सी जिंदगी में दिलों को छुवे 
    मखमली नर्म-सी घास हैं बेटियाँ।
    तुम  समझो इन्हें दर्द का फ़लसफ़ा,
    कृष्ण राधा का महारास हैं बेटियाँ।
    उनकी पलकों के आँचल में खुशियाँ बहुत,
    जिनके दिल के बहुत पास हैं बेटियाँ
    गोद खेलीवो नाज़ों पली, फिर चली,
    राम-सीता का वनवास हैं बेटियाँ।
    जब विदा हो गईहर नज़र कह गई,
    जि़न्दगी भर की इक प्यास हैं बेटियाँ

    7 टिप्‍पणियां:

    1. बहुत सुंदर प्रस्तुति.. कल और आज कि साँझ है बेटियाँ..
      prathamprayaas.blogspot.in-

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    2. बहुत सुंदर प्रस्तुति.. कल और आज कि साँझ है बेटियाँ..
      prathamprayaas.blogspot.in-

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    3. बहुत सुंदर गज़ल बेटियों के नाम..

      जवाब देंहटाएं
    4. माँ के लिए पूर्णता का अहसास है बेटियाँ

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
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