'व्‍यंग्‍य का शून्‍यकाल' बतला रही है अपने बारे में, आप भी जान लीजिए

'व्‍यंग्‍य का शून्‍यकाल' पुस्‍तक की प्रकाशकीय जानकारी 'व्‍यंग्‍य यात्रा' के ताजा अंक में श्री संतोष त्रिवेदी की समीक्षा के साथ प्रकाशित होने से रह गई है, जबकि पुस्‍तक की फोटू छप गई है। अत: पुस्‍तक के जानकारी संबंधी पेज को आपसे साझा कर रहा हूं। 
'अयन प्रकाशन' डाक व्‍यय सहित भारत में पुस्‍तक की प्रति 130/- रुपये में भिजवा रहे हैं। इससे पहले की पेपरबेक संस्‍करण की तरह इस पुस्‍तक को पाने से आप वंचित रह जाएं। आप इस पुस्‍तक को पाने के लिए अपने आदेश सीधे 'अयन प्रकाशन' को उनके ई मेल आई डी अथवा पते पर फोन करके दे दें। पुस्‍तक अगस्‍त 2012 माह के अंतिम सप्‍ताह तक 'आपजी साब के कोलों आकर जफ्फी पा लउगी।' — DrAmit Tyagiऔर 12 अन्य के साथ।





2 टिप्‍पणियां:

  1. आभार स्वीकारें हमारा भी !
    बधाई नए प्रकाशन की !

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