कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी पर पब्लिक को परेशान करके क्‍या बतलाना चाह रहा है इस्‍कान मंदिर प्रबंधन

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  • कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के मौके पर नेहरू प्‍लेस से आसपास की कालोनियों की ओर जाने वाले रास्‍तों को इस्‍कान मंदिर प्रबंधन ने दिल्‍ली पुलिस और अपने निजी बंदूकधारक सुरक्षा गाडों के हवाले करके, एकदम बंद कर दिया है। जबकि नेहरू प्‍लेस मेटो स्‍टेशन पर उतर कर हजारों लोग यहां आसपास अपने घरों को लौटते हैं। अब उन्‍हें कहा जा रहा है कि वे मेनरोड वाले लंबे रास्‍ते से अपने घरों को जाएं। इस मार्ग का प्रयोग मत करें।

    जबकि बुजुर्ग, स्त्रियां, पुरुष और सभी वय के लोग इन रास्‍तों का प्रयोग करते हैं। क्‍या मंदिर प्रबंधन की यह कार्रवाई सही कही जा सकती है और क्‍यों नहीं उन्‍होंने इन रास्‍तों पर कब्‍जा करने/रोकने की जानकारी प्रिंट मीडिया, चैनलों इत्‍यादि के जरिए आम पब्लिक को दी अथवा आसपास की कालोनियों के निवासियों को पर्चे इत्‍यादि बंटवाकर सूचना जारी की। धर्म जनता के हित के लिए है अथवा जनता को परेशान करने के लिए। जिन रास्‍तों को बंद किया जाना चाहिए था, वहां पर कम से कम सप्‍ताह भर पहले इस आशय की जानकारी देने वाले बड़े-बड़े होर्डिंग्‍स लगाए जाने चाहिए थे। 

    अपने वहां रहने के आई डी कार्ड को भी अमान्‍य कर रहा है मंदिर प्रबंधन और अनुमति नहीं दे रहा है कि कहीं घर जाने के बहाने मंदिर में न घुस जाएं पब्लिक वाले क्‍योंकि वहां से वीवीआईपी रास्‍ते भी बनाए गए हैं। जिससे इस्‍कान मंदिर प्रबंधन डरा हुआ है। भगवान पर यह कैसा भरोसा कर रहा है मंदिर प्रबंधन।

    इस संबंध में मंदिर प्रबंधन को अपनी गलती स्‍वीकारने के साथ भविष्‍य में पहले से मीडिया के जरिए इस प्रकार की जानकारी प्रसारित करनी चाहिए।


    3 टिप्‍पणियां:

    1. सही अगरचे याद है, यही सही इस्कान |
      पुरुष पुजारी को छुवा, अन्दर इक हैवान |
      अन्दर इक हैवान, ढोंग इनका है चालू |
      इनके हैं आदर्श, हमारे कृष्णा कालू |
      लेते उनसे सीख, भला हो जाता इनका |
      लेकिन कर्फ्यू दीख, पडोसी पूरा भिनका ||

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    2. कृष्ण जी से लेने लगे क्यों अब पंगा
      मन चंगा तो कठौती में होती है गंगा!!

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    3. सहमत हैं आपसे, नर को परेशान करके नारायण को कैसे प्रसन्न कर पाओगे?

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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