अस्सी वर्षीय अन्नाबाबा अपने अंतिम पैग को ग्रहण करते हुए |
मैं अन्नाबाबा के लेपटाप का ऑटोमैटिक कंप्यूटर साफ्टवेयर हूं
अन्नाबाबा के सभी मित्रों को बाबा के सामूहिक ब्लॉग नुक्कड़ से
सूचित कर रहा हूं कि
आज दिन दहाड़े दारूपान के चलते बाबा बोल गए
अब क्या बोल गए कार्यक्रम के अतिरिक्त कहीं
यह डाटा फीड नहीं हो पाया
बाबा ने अपने पुनर्जन्म के लिए तिथि भी बतलाई है
पर वह संदिग्ध है
अन्नाबाबा के एक प्रशंसक ने उनके जाने से पहले
की अस्सी वर्षीय छवि को याददाश्त में कैद कर लिया
वह स्कैचचित्र बनाकर भिजवाया है
उनके खास मित्रों को टैग किया जा रहा है
जिनके लिए बाबा ने वसीयत में लिखा था
आज सांय चार बजे से उनकी श्रद्धांजलि सभा का
आयोजन नुक्कड़ पर किया गया है
आप सब इसमें जबर्दस्ती आमंत्रित हैं
बे-आमंत्रित, बे-टैग मित्र/दुश्मन भी आकर
अपने बेबाक विचार प्रकट कर सकते हैं
जिनका बाद में प्रिंट आउट निकाल कर
स्वर्गीय/नरकीय अन्नाबाबा के पास
भिजवा दिया जाएगा
उनकी यादों, स्मृतियों, संस्मरणों का एक
अभिनंदन ग्रंथ भी प्रकाशित करवाया जाएगा
जिसे सभी को नि:शुल्क भिजवाया जाएगा
अन्नाबाबा की ऐसी ही तमन्ना थी।
अन्नाबाबा के सभी मित्रों को बाबा के सामूहिक ब्लॉग नुक्कड़ से
सूचित कर रहा हूं कि
आज दिन दहाड़े दारूपान के चलते बाबा बोल गए
अब क्या बोल गए कार्यक्रम के अतिरिक्त कहीं
यह डाटा फीड नहीं हो पाया
बाबा ने अपने पुनर्जन्म के लिए तिथि भी बतलाई है
पर वह संदिग्ध है
अन्नाबाबा के एक प्रशंसक ने उनके जाने से पहले
की अस्सी वर्षीय छवि को याददाश्त में कैद कर लिया
वह स्कैचचित्र बनाकर भिजवाया है
उनके खास मित्रों को टैग किया जा रहा है
जिनके लिए बाबा ने वसीयत में लिखा था
आज सांय चार बजे से उनकी श्रद्धांजलि सभा का
आयोजन नुक्कड़ पर किया गया है
आप सब इसमें जबर्दस्ती आमंत्रित हैं
बे-आमंत्रित, बे-टैग मित्र/दुश्मन भी आकर
अपने बेबाक विचार प्रकट कर सकते हैं
जिनका बाद में प्रिंट आउट निकाल कर
स्वर्गीय/नरकीय अन्नाबाबा के पास
भिजवा दिया जाएगा
उनकी यादों, स्मृतियों, संस्मरणों का एक
अभिनंदन ग्रंथ भी प्रकाशित करवाया जाएगा
जिसे सभी को नि:शुल्क भिजवाया जाएगा
अन्नाबाबा की ऐसी ही तमन्ना थी।
अन्ना बाबा बोलते, हुए धरा से गोल |
जवाब देंहटाएंपैग सिद्ध अंतिम हुआ, क्या षड्यंत्री रोल |
क्या षड्यंत्री रोल, बरस सौ उनको जीना |
टैक्स दिया न टोल, छोड़ क्यूँ गए काबीना |
अब अंतिम सन्देश, सुनाते लास्ट तमन्ना |
परिकल्पना में फर्स्ट, जरा रुक जाते अन्ना ||
kuchh samajh nahin aaya ji.........
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट 24/5/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
चर्चा - 889:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
मित्रों चर्चा मंच के, देखो पन्ने खोल |
जवाब देंहटाएंआओ धक्का मार के, महंगा है पेट्रोल ||
--
शुक्रवारीय चर्चा मंच ।