हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग छोड़ो : फेसबुक पर अन्‍नाबाबा के दारू के गोल गप्‍पों की दुकान पर चलो


हिंदी ब्‍लॉगिंग में वह आनंद नहीं है
जो आनंद फेसबुक पर मिल रहा है
दाम तो अभी कहीं नहीं लग रहा है
जाम फेसबुक पर सरेआम रहा है

ऊपर की पोस्‍ट पर मिले कमेंट्स का मजा भी लूट लीजिए
और जो कहना चाहते हैं, तुरंत नीचे टिप्‍पणी में लिखिए
या फेसबुक पर पधारकर मन के विचार उगल दीजिए।


1 टिप्पणी:

आपके आने के लिए धन्यवाद
लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

 
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