गधा कौन (लघु कथा)
Posted on by Sumit Pratap Singh in
भूरा जैसे ही जज के सामने पहुंचा, फफककर रोने लगा। जज ने उससे पूछा "क्या बात हुई ?क्यों रो रहे हो ?"भूरा बोला,"माई बाप .हमने चोरी नही की है.इन पुलिस वालों ने हमें झूठा इल्जाम लगाकर फंसा दिया है .जज बोला ,"अच्छा यदि तुमने चोरी नही की तो उस स्थान पर इतनी रात में क्या कर रहे थे ."भूरा ने सुबकते कहा,"जज साहब हम दिल्ली में नये -२ आये हैं .रात को रास्ता भटक गये थे.रास्ते इन पुलिस वालों ने पकड़ कर चोरी के इल्जाम में बंद कर दिया." जज ने कुछ सोच विचार के बाद भूरा से कहा,"बेटा चिंता मत करो में तुम्हारे साथ न्याय करूँगा." आगे पढ़ें...
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ye advocate hi hai --
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति पर बहुत बहुत बधाई ||
लगा रेकने जब कभी, गधा बेसुरा राग |
बहुतों ने बम-बम करी, बैसाखी में फाग |
बैसाखी में फाग, घास समझा सब खाया |
गलत सोच से खूब, सकल परिवार मोटाया |
रही व्यक्तिगत सोच, चला कश्मीर छेंकने |
ढेंचू - ढेंचू रोज, लगा बे-वक्त रेंकने ||