रावण के पुतले की ख्‍वाहिश

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • सरकार को एक ई मेल मिलती है और कईयों की नींद उड़ जाती है जबकि उनमें से बहुतेरे ऐसे होते हैं जिन्‍हें नींद आती नहीं है पर वे भी यही अहसास कराते पाए जाते हैं कि उनकी नींद उड़ गई है। अब उड़कर कहां गई है, यह तो कोई नहीं जानता परंतु वे उस नींद को इस हालिया मिली ई मेल में तलाशने में लग गए हैं। ई मेल में खबर यह है कि इस बार पुतलों ने विद्रोह कर दिया है। जबकि इसमें विशेष यह है कि रावण के पुतलों ने नेताओं के मुखौटे पहनने से साफ मना कर दिया है। दशहरा ... पूरा पढ़ने और अपनी ख्‍वाहिश जाहिर करने के लिए यहां क्लिक कीजिएगा
     
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